मध्य प्रदेश के मानसून सत्र को निरस्त करने का राज्यपाल आनंदी बेन ने किया अनुमोदन
विधानसभा सचिवालय ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक की टीम को राजभवन भेजा था जहां से विशेष संदेश वाहक से इसे लखनऊ में कार्यवाहक राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से अनुमोदन के लिए भेजा गया।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के निरस्त किए जाने के फैसले को कार्यवाहक राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अनुमोदित कर दिया है। मानसून सत्र 20 जुलाई से 24 जुलाई तक होना था लेकिन शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक में सत्ताधारी भाजपा और कांग्रेस ने सर्वसम्मति से सत्र को निरस्त करने का फैसला कर लिया था। विधानसभा सचिवालय ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक की टीम को राजभवन भेजा था, जहां से विशेष संदेश वाहक से इसे लखनऊ में कार्यवाहक राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से अनुमोदन के लिए भेजा गया। आनंदीबेन पटेल के अनुमोदन के बाद शनिवार को मानसून सत्र को निरस्त किए जाने की अधिसूचना जारी कर दी गई।
बता दें कि शुक्रवार को प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा द्वारा राज्यपाल द्वारा बुलाए गए मानसून सत्र को कोरोना महामारी संक्रमण को देखते हुए निरस्त करने या बुलाए जाने पर विचार-विर्मश करने सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। इसमें सीएम शिवराज सिंह चौहान, संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कांग्रेस विधायक दल के नेता कमल नाथ व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, सज्जन सिंह वर्मा ने एक स्वर में सत्र को निरस्त करने पर सहमति दे दी थी।
सदन के प्रत्येक सदस्य की सुरक्षा बहुत जरूरी
सर्वदलीय बैठक में प्रोटेम स्पीकर ने कहा कि विधानसभा में 219 सदस्यों के बैठने का पर्याप्त इंतजाम नहीं है। साथ ही सेंट्रल एसी होने के चलते कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है। सर्वदलीय बैठक में प्रोटेम स्पीकर ने कहा कि सदन के प्रत्येक सदस्य की सुरक्षा बहुत जरूरी है। इसलिए मानसून सत्र स्थगित किया जा रहा है। बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि पिछले 10-12 दिनों में कोरोना संक्रमितों की संख्या राज्य में बढ़ी है। इसलिए शादी-विवाह और त्योहारों को लेकर भी नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से कहा कि कोरोना को लेकर मौजूदा परिस्थितियों में सत्र चलाना उपयुक्त नहीं होगा। इसलिए अध्यक्ष से चर्चा के बाद सत्र स्थगित करने का फैसला किया गया है।