अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए सोशल मीडिया साइट पर कंटेंट का नियमन नहीं करेगी सरकार
दुरुपयोग का समाधान करने के लिए सूचना तकनीक अधिनियम 2000 के नियम के तहत आपत्तिजनक कंटेंट को ब्लॉक या हटाया जा सकता है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकार ने कहा है कि सोशल मीडिया साइट पर कंटेंट का नियमन नहीं किया जाएगा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नागरिकों की निजता को बरकरार रखा जाएगा। इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री एसएस अहलूवालिया ने बुधवार को संसद में इस आशय की जानकारी दी।फर्जी समाचारों पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में अहलूवालिया ने कहा, 'सरकार सोशल मीडिया साइट पर आने वाले कंटेंट का नियमन नहीं करेगी।
कानून प्रवर्तन एवं सुरक्षा एजेंसियां मौजूदा कानून के आधार पर विशेष मामलों में कार्रवाई कर सकती है।'केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया ऑनलाइन माध्यम या प्लेटफार्म के रूप में लोकप्रिय हो चुका है। यहां यूजर अपने विचार साझा करते हैं और विशेष मुद्दों पर अपना नजरिया रखते हैं। कुछ लोग इसका दुरुपयोग कर रहे हैं। दुरुपयोग का समाधान करने के लिए उन्होंने सूचना तकनीक अधिनियम 2000 के नियम का उल्लेख किया जिसके तहत आपत्तिजनक कंटेंट को ब्लॉक किया जा सकता है या हटाया जा सकता है।
भिन्न धर्म के दंपती को पासपोर्ट जारी किया गया
सरकार ने लोकसभा में कहा कि लखनऊ में भिन्न धर्म के दंपती का दस्तावेज उचित प्रक्रिया के बाद जारी किया गया। सावधानी से उनके दस्तावेज की जांच की गई। यह पूछे जाने पर कि लखनऊ के एक पासपोर्ट अधिकारी को निलंबित कर दिया गया, विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने कहा नहीं।
खराब प्रदर्शन करने वाले 225 अधिकारी दंडित किए गए
कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि केंद्र सरकार के 225 अधिकारियों को खराब प्रदर्शन करने के लिए दंडित किया गया है। उन्होंने कहा कि 2017 और मार्च 2018 के दौरान समय पर अचल संपत्ति रिटर्न फाइल नहीं करने पर 80 आइएएस अधिकारियों को निगरानी क्लीयरेंस नहीं दिया गया।
इस वर्ष सीबीआइ ने भ्रष्टाचार के 300 मामले दर्ज किए
केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि इस वर्ष जनवरी से जून के दौरान सीबीआइ ने भ्रष्टाचार के 314 मामले दर्ज किए हैं। उन्होंने कहा कि एजेंसी ने 2017 में ऐसे कुल 632 मामले दर्ज किए थे।आरटीआइ एक्ट में संशोधन करेगी सरकारकार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार सूचना का अधिकार (आरटीआइ) एक्ट 2005 में संशोधन करने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों के वेतन एवं सेवा नियम तैयार करने के लिए संशोधन किया जाएगा।