उच्च शिक्षण संस्थानों को दी गई स्वायत्तता को परखेगी सरकार, बदलावों को जांचेगी यूजीसी
मौजूदा समय में देश में छह सौ से ज्यादा उच्च शिक्षण संस्थानों को स्वायत्तता का दर्जा हासिल है वाबजूद इसके संस्थानों की गुणवत्ता को जांचने व काम-काज को परखने के लिए कोई तंत्र नहीं है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उच्च शिक्षण संस्थानों को ज्यादा से ज्यादा स्वायत्तता देने में जुटी सरकार अब ऐसे संस्थानों के काम-काज और गुणवत्ता को भी परखेगी। जिसमें यह देखा जाएगा, कि स्वायत्तता मिलने के बाद संस्थानों ने कौन से अहम कदम उठाए है। फिलहाल इनमें सबसे ज्यादा फोकस संस्थानों की ओर से शुरु किए गए नए कोर्स से लेकर शोध और गुणवत्ता में सुधार के कदमों पर होगा। माना जा रहा है कि इसके आधार पर ही संस्थानों की स्वायत्तता को आगे जारी रखने का फैसला होगा।
वैसे भी मौजूदा समय में देश में छह सौ से ज्यादा उच्च शिक्षण संस्थानों को स्वायत्तता का दर्जा हासिल है, वाबजूद इसके संस्थानों की गुणवत्ता को जांचने व काम-काज को परखने के लिए कोई तंत्र नहीं है। यह स्थिति तब है, जब संस्थानों को काफी सख्त प्रक्रिया से गुजरने के बाद स्वायत्तता मिल पाती है। जिसमें फैकेल्टी की उपलब्धता सहित शोध में बेहतर प्रदर्शन अहम होता है।
फिलहाल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने स्वायत्त संस्थानों के कामकाज को जांचने के लिए ऐसे ही कुछ अहम कदम उठाए है। इसके तहत देश भर के सभी स्वायत्त संस्थानों से उनके कामकाज से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां मांगी गई है। जिसमें उनके द्वारा शुरु किए गए नए कोर्सो के साथ ऐसे कदमों की जानकारी मांगी गई है, जिससे समाज में बदलाव लाने में मदद मिली है। खासकर रोजगार की दिशा में जिसकी अहम भूमिका रही है।
यूजीसी से जुड़े अधिकारियों की मानें तो पिछले कुछ सालों में ऐसे भी मामले सामने आए है, जिसमें स्वायत्तता दर्जा हासिल करने के बाद संस्थानों के प्रदर्शन में पहले की तुलना में गिरावट आयी है। माना जा रहा है कि संस्थानों के गिरते प्रदर्शन को देखते हुए ही यूजीसी ने यह कदम उठाया है।
यूजीसी ने अपनी इस मुहिम के पहले चरम में ऐसे सभी संस्थानों से करीब 20 सवालों में जानकारी मांगी है। जिनके आने के बाद इसकी हकीकत को परखने के लिए संस्थानों में विशेषज्ञों की टीमें भी भेजी जाएगी। यूजीसी की यह पहल इसलिए भी अहम है, क्योंकि मौजूदा समय में उच्च शिक्षण संस्थानों में स्वायत्तता हासिल करने को लेकर होड़-सी मची हुई है।