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बैकफुट पर केंद्र सरकार, सोशल मीडिया की निगरानी का फैसला वापस लिया

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल राव ने कहा कि सरकार की सोशल मीडिया हब के जरिए पॉलिसी की समीक्षा करने की योजना थी, जिसे टीएमसी सांसद मोहुआ मोइत्रा ने चुनौती दी थी।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 03 Aug 2018 02:19 PM (IST)Updated: Fri, 03 Aug 2018 02:19 PM (IST)
बैकफुट पर केंद्र सरकार, सोशल मीडिया की निगरानी का फैसला वापस लिया
बैकफुट पर केंद्र सरकार, सोशल मीडिया की निगरानी का फैसला वापस लिया

नई दिल्ली [ एजेंसी ]। केंद्र सरकार ने आज सोशल मीडिया हब बनाने के अपने उस प्रस्ताव को वापस ले लिया, जिसके आधार पर विपक्ष सरकार पर सोशल मीडिया की निगरानी का आरोप लगा रहा था। केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट में पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल राव ने कहा कि सरकार की सोशल मीडिया हब के जरिए पॉलिसी की समीक्षा करने की योजना थी, जिसे टीएमसी सांसद मोहुआ मोइत्रा ने चुनौती दी थी।

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उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इसके जरिए उन सभी सोशल मीडिया प्रोफाइल की पर नजर रखना चाहती है जो कि सोशल मीडिया पर अहम मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की पिछली सुनवाई के दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सोशल मीडिया हब बनाने के निर्णय को निगरानी राज करार दिया था।

कोर्ट की टिप्पणी और विपक्ष दलों की ओर से सरकार के इस कदम की जमकर आलोचना की गई, जिसके बाद सरकार सोशल मीडिया हब बनाने के अपने प्रस्ताव को वापस लेने के लिए विवश हुई। दरअसल, तृणमूल कांग्रेस की विधायक महुआ मोइत्रा का कहना था कि सोशल मीडिया की निगरानी के लिए केंद्र यह कार्रवाई कर रहा है। इसके बाद ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम व ईमेल में मौजूद हर डेटा तक केंद्र की पहुंच हो जाएगी। निजता के अधिकार का यह सरासर उल्लंघन है।  इससे हर व्यक्ति की निजी जानकारी को भी सरकार खंगाल सकेगी। इसमें जिला स्तर तक सरकार डेटा को खंगाल सकेगी।


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