एक लाख तक के फ्रॉड से निपटने के लिए आरबीआइ के साथ मिलकर सरकार कर रही उपाय
सरकार एक लाख रुपये तक के फ्रॉड से निपटने पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के साथ काम कर रही है। आइटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को राज्यसभा में यह बात कही।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकार एक लाख रुपये तक के फ्रॉड से निपटने पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के साथ काम कर रही है। आइटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को राज्यसभा में यह बात कही। उन्होंने साथ ही कहा कि वित्तीय डाटा सुरक्षा विधेयक का एक मसौदा भी तैयार किया गया है, जिसका मकसद डाटा की चोरी (सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट से डाटा चोरी सहित) जैसे मुद्दों से निपटना है।
रविशंकर प्रसाद ने प्रश्न काल में पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि फिलहाल आरबीआइ बैंकों के साथ मिलकर एक लाख रुपये से अधिक के क्रेडिट, डेबिट और एटीएम कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग से संबंधित फ्रॉड पर नजर रख रहा है। भारत के आंकड़े चोरी नहीं किए जा सकते हैं और किसी भी तरह के फ्रॉड पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राज्यसभा में पेश किए गए हैकिंग संबंधी आंकड़े मुख्यत: वित्तीय फ्रॉड से संबंधित हैं। आरबीआइ एक लाख रुपये से अधिक के फ्रॉड पर नजर रख रही है। एक लाख रुपये से कम के फ्रॉड से निपटने पर हम आरबीआइ के साथ काम कर रहे हैं।
प्रसाद ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में सितंबर तक कुल 40.34 करोड़ रुपये के एटीएम/डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग से संबंधित फ्रॉड के करीब 921 मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले वित्त वर्ष में कुल 109.56 करोड़ रुपये के 2,059 मामले दर्ज किए गए थे।
सोशल नेटवर्किंग से डाटा चोरी पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में प्रसाद ने कहा कि आज भारत नए साम्राज्यवाद के सामने नहीं झुकेगा। हमने शिकायत मिलते ही फेसबुक पर कार्रवाई की। इस तरह के सभी मुद्दों से निपटने के लिए वित्तीय डाटा सुरक्षा विधेयक का एक मसौदा तैयार किया गया है।
मंत्री ने साथ ही कहा कि साइबर दुनिया की अनिश्चितता से कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं। लेकिन सरकार सुरक्षा ड्रिल आयोजित करती है और इस तरह की सुरक्षा के लिए उसने कई केंद्र भी स्थापित किए हैं।