भाजपा नेता के 'सुझाव' पर भड़के फिल्ममेकर गोपालकृष्णन, कहा- चांद पर जाने को तैयार हूं बशर्ते...!
अडूर गोपालकृष्णन का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के मित्र का यह अच्छा सुझाव है कि मुझे पृथ्वी से बाहर चांद पर जाना चाहिए।
नई दिल्ली, एएनआइ। फिल्म मेकर अडूर गोपालकृष्णन का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के मित्र का यह अच्छा सुझाव है कि मुझे पृथ्वी से बाहर चांद पर जाना चाहिए। अगर वे एक कमरा बुक कर दें और मुझे टिकट खरीद कर दे दें तो बहुत अच्छा रहेगा। भाजपा नेता के कहा था कि अगर गोपालकृष्णन जय श्री राम का नारा बर्दाश्त नहीं कर सकते, तो वह चांद पर जा सकते हैं।
अब भीड़ की हिंसा पर 49 लोगों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र के विरोध में आज 62 चुनिंदा हस्तियों ने खुला पत्र लिखा है। खुला पत्र लिखने वाली हस्तियों में बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत, गीतकार प्रसून जोशी, क्लासिकल डांसर और सांसद सोनल मानसिंह, वादक पंडित विश्व मोहन भट्ट, फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर और विवेक अग्निहोत्री शामिल हैं। हाल ही में 49 लोगों ने मोदी सरकार में हो रही भीड़ हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। जिसपर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आई थीं। अब 62 हस्तियों ने उस पत्र का काउंटर करते हुए इसे चुनिंदा आक्रोश और झूठा आख्यान बताते हुए खुला खत लिखा है।
दरअसल, मशहूर फिल्मकार अडूर गोपालकृष्णन के धर्म के नाम पर हिंसा फैलाने के खिलाफ आवाज उठाने के एक दिन बाद भाजपा की केरल इकाई ने गुरुवार को कहा था कि अडूर अगर जय श्रीराम के जयकारे को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं, तो वे चांद या किसी दूसरे ग्रह पर जाने के लिए स्वतंत्र हैं।
भाजपा प्रवक्ता बी गोपालकृष्णन की इस टिप्पणी पर विवाद खड़ा होने के बाद अडूर ने कहा कि उनकी पत्र के जरिये उठाई गई आवाज न तो सरकार के खिलाफ है और न ही उनके खिलाफ जो जय श्रीराम का जयकारा लगाते हैं, बल्कि ऐसी घटनाओं के खिलाफ हैं जिनमें किसी की पीट पीट कर हत्या कर दी जाती है और उसमें जयकारे को युद्धघोष की तरह प्रयोग किया जाता है।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और मलयालम फिल्म जगत के लोगों ने अडूर का समर्थन और भाजपा नेता की टिप्पणी की निंदा की है। अपनी फेसबुक पोस्ट में भाजपा नेता ने कहा कि अडूर एक प्रतिष्ठित फिल्मकार हैं, लेकिन वह देश की संस्कृति का अनादर नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, 'अगर वे यह (जय श्रीराम) सुनने के इच्छुक नहीं हैं तो कृपया अपना नाम श्रीहरिकोटा में पंजीकृत करा लें और आप चंद्रमा पर जा सकते हैं।' भाजपा नेता ने कहा, 'आज अगर गांधीजी जीवित होते तो, वे अडूर के घर के आगे बैठकर उपवास रखते।'
गौरतलब है कि देश में धार्मिक पहचान के कारण घृणा अपराधों के बढ़ते मामलों पर चिंता प्रकट करते हुए प्रबुद्ध नागरिकों के एक समूह ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुले पत्र में कहा है कि ‘‘जय श्री राम’’ का उद्घोष भड़काऊ नारा बनता जा रहा है और इसके नाम पर पीट-पीट कर हत्या के कई मामले हो चुके हैं। फिल्मकार अडूर गोपालकृष्णन के अलावा अपर्णा सेन, गायिका शुभा मुद्गल और इतिहासकार रामचंद्र गुहा, समाजशास्त्री आशीष नंदी सहित 49 नामी शख्सियतों ने 23 जुलाई को यह पत्र लिखा है।