कोरोना संकट के बीच एफसीआइ कर्मियों के लिए बड़ी खुशखबरी, सरकार ने दिया 35 लाख का सुरक्षा बीमा
केंद्रीय खाद्य मंत्री पासवान ने खास बातचीत में कहा शुक्र है कि अबतक एफसीआइ में कोरोना संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया। तमाम जोखिम के बीच हमारे कर्मचारी लगातार काम कर रहे हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने सोमवार को कहा कि देश के 81 करोड़ लाभार्थियों तक अनाज की आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) के एक लाख कर्मचारी दिनरात काम कर रहे हैं। उन्हें सरकार की तरफ से छह महीने के लिए 35 लाख रुपये की बीमा सुरक्षा प्रदान की गई है। यह संतोषजनक है कि अभी तक एफसीआइ का कोई भी कर्मचारी कोरोना संक्रमित नहीं पाया गया है।
पासवान ने खास बातचीत में कहा, 'शुक्र है कि अबतक एफसीआइ में कोरोना संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया। तमाम जोखिम के बीच हमारे कर्मचारी लगातार काम कर रहे हैं। हालांकि, सरकार ने एफसीआइ के एक लाख अधिकारियों व श्रमिकों को 35 लाख रुपये की बीमा सुरक्षा प्रदान की है। 24 मार्च को लॉकडाउन लागू होने से लेकर अगले छह महीने तक अगर किसी कर्मचारी की कोरोना संक्रमण से मौत होती है तो उसके परिवार को इस बीमा सुरक्षा का लाभ मिलेगा। सरकार कोरोना योद्धाओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।' पासवान ने कहा कि सरकार के पास अनाज की कोई कमी नहीं है।
47 फीसद SME के पास कारोबार चलाने के एक माह का भी फंड नहीं
वहीं, दूसरी ओर कोरोना संकट की वजह से छोटे उद्यमियों के पास कारोबार चलाने के लिए नकदी तेजी से खत्म होती जा रही है। लोकल सर्कल्स के ताजा सर्वे के मुताबिक 47 फीसद स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (एसएमई) के पास कारोबार जारी रखने के लिए एक माह का भी फंड नहीं है। इनमें से 27 फीसद एसएमई व स्टार्टअप्स के फंड खत्म हो चुके हैं।
24 फीसद एसएमई के पास 1-3 माह के कारोबार के लिए तो 23 फीसद के पास 3-6 माह के कारोबार के लिए नकदी बची है। सिर्फ 6 फीसद एसएमई के पास 6 माह से अधिक समय के कारोबार के लिए फंड बचे हैं। लोकलसर्कल्स ने मार्च महीने के आखिरी सप्ताह में देश के 90 जिलों में यह सर्वे किया था। सर्वे में 13,970 एसएमई व उद्यमियों ने हिस्सा लिया।