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पुलवामा हमले के बाद भारत की कार्रवाई के समर्थन में आया अमेरिका, बोला-सही कदम

भारत और अमेरिका के बीच हुई इस बातचीत के बाद अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जान बोल्टन ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मेहमूद कुरैशी से टेलीफोन पर बात की।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 11 Mar 2019 09:23 PM (IST)Updated: Tue, 12 Mar 2019 07:25 AM (IST)
पुलवामा हमले के बाद भारत की कार्रवाई के समर्थन में आया अमेरिका, बोला-सही कदम
पुलवामा हमले के बाद भारत की कार्रवाई के समर्थन में आया अमेरिका, बोला-सही कदम

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिका ने एक बार फिर सीमा पार आतंक के मुद्दे पर भारत के रुख का समर्थन किया है। सोमवार को वाशिंगटन में विदेश सचिव विजय गोखले की मुलाकात अमेरिकी विदेश सचिव माइकल पोम्पिओ से हुई जिसमें पोम्पिओ ने यह स्वीकार किया कि आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए पाकिस्तान की तरफ से अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।

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गोखले के इस अमेरिकी दौरे में रणनीतिक सुरक्षा वार्ता के अगले दौर के मुद्दों पर खास तौर पर चर्चा होने के आसार है। वैसे उनकी इस बातचीत को आगे बढ़ाने का काम अब आगामी सरकार ही करेगी। क्योंकि दोनो देशों के विदेश व रक्षा मंत्रियों को मिला कर बनाई गई समिति (टू प्लस टू) की आगामी बैठक अब आम चुनाव के बाद गठित होने वाली नई सरकार के कार्यकाल में ही होगी।

विदेश मंत्रालय की तरफ से दी गई सूचना के मुताबिक गोखले व पोम्पिओ के बीच हुई वार्ता में इस बात पर संतोष जताया गया कि सितंबर, 2018 में दोनो देशों के बीच हुई पहली रणनीतिक वार्ता टू प्लस टू के बाद द्विपक्षीय रिश्तों में काफी सकारात्मक सुधार हुए हैं।

भारत की तरफ से अमेरिका को इस बात के लिए धन्यवाद दिया गया कि पुलवामा हमले के बाद उसने भारत के रुख का समर्थन किया है। पुलवामा हमले के बाद दक्षिण एशिया में हुए बदलाव को लेकर भी दोनो देशों के बीच बातचीत हुई है।

पोम्पिओ की तरफ से भारत को यह बताया गया कि अमेरिका उम्मीद करता है कि पाकिस्तान अपने यहां आतंकवादी ढांचे के खात्मे के लिए भी काम करेगा और वहां आतंकियों को जो संरक्षण दिया जा रहा है उस पर भी लगाम लगेगी। दोनो देश इस बात पर भी सहमत हुए कि आतंकी वारदातों को अंजाम देने वाले व्यक्तियों या संगठनों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

अमेरिका की तरफ से द्विपक्षीय कारोबार का मुद्दा उठाया गया जिस पर भारत की तरफ से यह बताया गया कि किस तरह से अमेरिकी आयात बढ़ने से व्यापार संतुलन में बेहतरी हो रही है। पिछले तीन वर्षो में भारत ने अमेरिका से आयात लगातार बढ़ाया है और आगे भी द्विपक्षीय कारोबार से जुड़े मुद्दों को आपसी सहमति से सुलझाया जाएगा।

सनद रहे कि अमेरिका ने हाल ही में भारत से आयात होने वाले कई उत्पादों पर मिल रहे शुल्क छूट को हटाने का ऐलान किया है। इससे तकरीबन छह अरब डॉलर के भारतीय निर्यात पर असर पड़ने की संभावना है।

सनद रहे कि भारत और अमेरिका के बीच हुई इस बातचीत के कुछ ही घंटे बाद अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जान बोल्टन ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मेहमूद कुरैशी से टेलीफोन पर बात की और भारत व पाकिस्तान के रिश्तों में बढ़ रहे तनाव को खत्म करने के तमाम मुद्दों पर विमर्श किया। बोल्टन इसके पहले दो बार भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से बातचीत कर चुके हैं।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक गोखले इस यात्रा के दौरान ट्रंप प्रशासन में राजनीतिक मामलों में उप सचिव डेविड हेल, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा व हथियार नियंत्रण मामलों के उप सचिव एंड्रिया थॉम्पसन के अलावा विदेश मंत्रालय के आला अधिकारियों से भी वार्ता करेंगे। वे द्विपक्षीय मामलों से जुड़े मुद्दों के अलावा तमाम अंतरराष्ट्रीय विषयों पर भी चर्चा करेंगे। उनकी मुलाकात अमेरिकी कांग्रेस के कुछ महत्वपूर्ण सदस्यों से भी होगी।


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