आम चुनाव को देखते हुए गडकरी ने कहा- 300 सड़क परियोजनाएं मार्च तक पूरी करेंगे
गडकरी ने कहा कि सड़क निर्माण में अब हम गुणवत्ता के अलावा काम के प्रदर्शन का ऑडिट भी करेंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगले साल आम चुनाव को देखते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अधिकारियों को 300 चालू परियोजनाओं को अगले साल मार्च तक पूरा करने को कहा है। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड समेत विभिन्न राज्यों की लगभग सात सौ राजमार्ग परियोजनाओं की प्रगति की जांच करते हुए उन्होंने अगले साल जून में पूरी होने वाली परियोजनाओं को भी मार्च तक पूरा कर लेने के निर्देश अफसरों को दिए हैं। गडकरी ने अच्छे कार्य के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की तारीफ की, जबकि बिहार को लेकर निराशा जताई।
-उप्र, बिहार, झारखंड समेत विभिन्न राज्यों की 700 परियोजनाओं की समीक्षा
गडकरी ने उक्त समीक्षा बैठक पिछले दिनो गोवा में की थी। बृहस्पतिवार को उन्होंने राजधानी के पत्रकारों के साथ उसके निष्कर्ष साझा किए। उन्होंने कहा एनएचएआइ की 127 सड़क परियोजनाएं तथा मंत्रालय की 153 परियोजनाएं जून तक पूरी हो रही हैं। लेकिन मैंने इन सभी को मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य दिया है। इसके अलावा 100 से ज्यादा ऐसी परियोजनाएं हैं, जिनका काम इसी वर्ष पूरा हो जाएगा।
वन मंजूरी, भू अधिग्रहण की रुकावट
गडकरी के मुताबिक बिहार, ओडिशा समेत कुछ राज्यों में वन मंजूरी तथा जमीन अधिग्रहण की अभी भी सबसे बड़ी समस्या है। जबकि कुछ राज्य सरकारों ने विद्युत पर्यवेक्षण शुल्क बढ़ा दिया है। हमने इस शुल्क को घटाने की सलाह दी है। सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को परियोजनाओं की मासिक समीक्षा करने व भू अधिग्रहण तेज करने को कहा गया है।
केंद्रीय सड़क सचिव मुख्य सचिवों के साथ बैठक कर के सड़क निर्माण के काम में आ रही दिक्कतों को दूर करेंगे। एनएचएआइ के सीजीएम हर 10 दिन में साइट विजिट करेंगे। सारे अवार्ड किए गए नए काम सितंबर से प्रारंभ हो जाएंगे। अधिकारियों से मानसून सीजन का उपयोग जमीन अधिग्रहण और फारेस्ट क्लियरेंस में करने को कहा गया है।
डीपीआर में खामी
गडकरी ने कहा परियोजनाओं में देरी का एक बड़ा कारण डीपीआर में खामी है। इससे कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए हमने खराब डीपीआर बनाने वाली फर्मो पर जुर्माना लगाने तथा उन्हें ब्लैकलिस्ट करने का निर्णय लिया है।
इसके अलावा अधिग्रहीत भूमि का कब्जे के वक्त लापता मिलना, अंडरपास/फ्लाईओवर/आरओबी को ध्यान में रखते हुए एचटी लाइनों/टावरों की पहचान न करने, ब्रिज के एफआरएल (स्तर) को ठीक न करने तथा वन्यजीवन, आवास क्षेत्रों की पहचान न करने से भी परियोजनाओं में विलंब होता है।
परफॉरमेंस ऑडिट
गडकरी ने कहा कि सड़क निर्माण में अब हम गुणवत्ता के अलावा काम के प्रदर्शन का ऑडिट भी करेंगे। जो ठेकेदार अच्छा काम कर रहा है, उसे प्रोत्साहन मिलेगा जबकि धीमा काम करने वालों पर कार्यवाई होगी और नया काम नहीं मिलेगा।
बैंकों के साथ बैठक
बैंकिंग क्षेत्र में दबाव का असर सड़क परियोजनाओं पर भी पड़ रहा है। इसलिए गडकरी ने सभी प्रमुख बैंकों के प्रमुखों की बैठक लेने का निर्णय लिया है।