JNU Violence पर कांग्रेस की चार सदस्यीय कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट, कहा- हिंसा के पीछे सरकार का हाथ
जेएनयू हिंसा को लेकर कांग्रेस की ओर से गठित इस कमेटी ने शनिवार शाम को ही यह रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को दी थी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जेएनयू हिंसा को लेकर गठित की गई कांग्रेस की चार सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने पूरी हिंसा के पीछे सरकार का हाथ बताया है। साथ ही इस मामले में विश्वविद्यालय के कुलपति एम. जगदीश कुमार को मास्टरमाइंड करार देते हुए उनकी तुरंत बर्खास्तगी की सिफारिश की है। कमेटी ने इसके अलावा कुलपति की ओर से नियुक्ति के बाद से अब तक लिए गए सभी वित्तीय और प्रशासनिक फैसलों की समीक्षा करने और पांच जनवरी को हुई हिंसा की अपराधिक जांच कराने की भी सिफारिश की है।
सोनिया गांधी को सौंपी रिपोर्ट
जेएनयू हिंसा को लेकर कांग्रेस की ओर से गठित इस कमेटी ने शनिवार शाम को ही यह रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को दी थी। इसे रविवार को मीडिया के साथ साझा किया गया। इस कमेटी में राष्ट्रीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव, सांसद डा. सैयद नासिर हुसैन, एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष हिबी ईडेन और अमृता धवन शामिल थी।
छात्रों के अलग-अलग गुटों से की बातचीत
कमेटी ने इस दौरान जेएनयू पहुंचकर पांच जनवरी को हुई हिंसा के कारणों को लेकर छात्रों के अलग-अलग गुटों से बातचीत की थी। कमेटी में शामिल सुष्मिता देव के मुताबिक उन्होंने एबीवीपी से जुड़े छात्रों को भी अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया था, लेकिन उनकी ओर से जांच का हवाला देते हुए बयान देने से इंकार किया गया। इसी तरह उन्होंने इस मामले में कुलपति का भी पक्ष जानने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
कमेटी ने कहा, पुलिस की भूमिका संदेहास्पद
कमेटी ने इस दौरान पुलिस की भूमिका को भी संदेहास्पद बताया और कहा कि जब विवि के भीतर यह हिंसा हो रही थी, उस समय पुलिस विवि परिसर के बाहर ही खड़ी थी। कमेटी ने कुल पांच सिफारिश की है, जिसमें विवि के कुलपति को बर्खास्त करने और उनके कार्यकाल में अब तक लिए गए सभी फैसलों की जांच करने, विवि के कुलपति, सुरक्षा कर्मियों और हिंसा में शामिल शिक्षकों की क्रिमिनल इंक्वायरी कराने, पूरे घटनाक्रम की एक विस्तृत न्यायिक जांच कराने, दिल्ली पुलिस आयुक्त की जवाबदेही तय करने सहित फीस बढ़ोत्तरी को तुरंत प्रभाव से वापस लेने जैसी सिफारिश शामिल है।