एससी-एसटी एक्ट के विरोध में पूर्व विधायक तिवारी ने भाजपा छोड़ी
तिवारी मूलत: विन्ध्य क्षेत्र के रहने वाले हैं और लंबे समय तक वह सवर्ण समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं। इस पार्टी के जरिये वे हमेशा आरक्षण का विरोध करते रहे हैं।
भोपाल [नईदुनिया]। एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ मध्य प्रदेश में पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया। गुरुवार को यहां बंद के दौरान उन्होंने भाजपा छोड़ने का एलान किया। पत्रकारों से बातचीत में तिवारी ने कहा कि भाजपा की नीतियां सवर्ण समाज के खिलाफ हैं।
तिवारी मूलत: विन्ध्य क्षेत्र के रहने वाले हैं और लंबे समय तक वह सवर्ण समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं। इस पार्टी के जरिये वे हमेशा आरक्षण का विरोध करते रहे हैं। वह जल्द ही सवर्ण समाज पार्टी के बैनर तले ही एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ आंदोलन शुरू करेंगे। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी-एसटी एक्ट में एकतरफा गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा संशोधन लाकर पुन: यथास्थिति बहाल कर दी गई।
2008 के चुनाव में लक्ष्मण तिवारी उमा भारती की भारतीय जनशक्ति पार्टी (भाजश) से रीवा जिले के मऊगंज विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते थे। बाद में भाजश के भाजपा में मर्ज हो जाने के बाद से वह भाजपा में काम कर रहे थे। तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने गैर एससी-एसटी लोगों को दोयम दर्जे का नागरिक बना दिया है। कोई भी सांसद इसके खिलाफ आवाज उठाने को तैयार नहीं है।
उन्होंने कहा कि शुक्रवार को वे उज्जैन से अपनी यात्रा शुरू कर रहे हैं। पहले वे प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों में जाकर लोगों के बीच अपनी बात रखेंगे। फिर विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू करेंगे। तिवारी ने कहा कि सपाक्स जैसी संस्थाओं ने समाज में दीपक जलाने का काम किया है। वे चाहेंगे कि समान विचारधारा वाले सभी दल मिलकर चुनाव लड़ें। इसके लिए वे सभी सामान्य दल के संगठनों के साथ बातचीत करेंगे।