पीएम मोदी को घरों और धर्मस्थलों से सोना निकलवाने की सलाह देकर फंसे महाराष्ट्र के पूर्व सीएम
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कोरोना वायरस से पैदा हुए मौजूदा हालात से निपटने के लिए यह सलाह दी है।
मुंबई, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घरों और धर्मस्थलों से सोना निकलवाने की सलाह देकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और कांग्रेस नेता फंसते नजर आ रहे हैं। उनपर एक विशेष धर्म पर हमला करने का आरोप लगा रहा है। हालांकि, चव्हाण का कहना है कि उनकी बात को गलत तरीके से पेश करनेवालों के खिलाफ वह कानूनी कार्रवाई करेंगे। केरल के पद्मनाभस्वामी मंदिर के 5 तहखाने खुलने पर दुनिया के होश उड़ गए थे। इन पांच तहखानों से कीमती पत्थर, सोने और चांदी का भंडार निकल चुका है। इसकी अनुमानित कीमत लगभग एक लाख करोड़ से अधिक है। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि देशभर के मंदिरों में कितना सोना होगा।
दरअसल, पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि पीएम मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पुनरुद्धार पैकेज की घोषणा कर दी है, लेकिन सवाल यह उठता है कि सरकार इन संसाधनों को कैसे जुटाएगी? मैंने सुझाव दिया है कि सरकार विभिन्न व्यक्तियों और धार्मिक ट्रस्ट से उनके पास पड़े बेकार सोने को जमा करने के लिए कहे। चव्हाण के इस बयान के बाद विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि जब वक्फ बोर्ड और चर्च के पास भी अपार संपत्ति है, तो फिर कांग्रेस को मंदिरों पर ही नजर क्यों है?
पृथ्वीराज चव्हाण का कहना है कि असामाजिक तत्वों ने पीएम मोदी को दी गई सलाह के मूल भाव को संदर्भ से बाहर कर दिया और प्रोजेक्ट करने की कोशिश की कि मैंने एक विशेष धर्म को लक्षित किया था। ऐसे लोगों के खिलाफ मैं उचित कानूनी प्राधिकारियों के साथ कार्रवाई करने जा रहा हूं। मेरा सुझाव कोई नई बात नहीं थी। जब भी कोई राष्ट्रीय आर्थिक संकट होता है, तब प्रधानमंत्री ने सोने का संग्रह करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि गोल्ड डिपॉजिट स्कीम तो वाजपेयी सरकार ने शुरू की थी और 2015 में मोदी सरकार ने गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम लाया था।
पृथ्वीराज चव्हाण के सभी धार्मिक ट्रस्टों में रखे सोने के भंडार का इस्तेमाल करने की सलाह पर भाजपा के पूर्व लोकसभा सांसद किरीट सोमैया ने पृथ्वीराज से सवाल किया है कि क्या सोनिया गांधी ने उनसे ये मांग करने के लिए कहा है? किरीट सोमैया ने ये भी पूछा है कि क्या कांग्रेस पार्टी चव्हाण की बात का समर्थन करती है! इसके अलावा पृथ्वीराज चव्हाण के इस बयान के बाद से भाजपा के कई नेता और हिंदू पुजारियों ने उनके प्रस्ताव को अपमानजनक बताते हुए हमला किया है। महाराष्ट्र भाजपा के संयुक्त संयोजक तुषार भोसले ने चव्हाण के प्रस्ताव की निंदा की है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस देश की वित्तीय स्थिति के बारे में चिंतित है, तो उसे सबसे पहले कांग्रेस के नेताओं द्वारा अपने शासन के दौरान घोटालों से उकसाए गए धन को बाहर लाना चाहिए।
भारत का सबसे अमीर मंदिर
भारत को एक समय सोने की चिडि़या कहा जाता था और आज भी यहां कई मंदिरों में सोने के भंडार हैं। केरल के पद्मनाभस्वामी मंदिर में 6 तहखानों में से 5 तहखाने खुलने पर दुनिया के होश उड़ गए। इन पांच तहखानों से कीमती पत्थर, सोने और चांदी का भंडार निकल चुका है। इसकी अनुमानित कीमत लगभग एक लाख करोड़ से अधिक है। इस मंदिर का छठे दरवाजे में इतना खजाना है, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। लेकिन इस तहखाने के दरवाजे को खोलने की कोई भी हिम्मत नहीं कर पाता।
घरों में पड़ा है इतना सोना
माना जाता है भारत में लोगों के घरों, कारोबार और मंदिरों के ख़जाने में क़रीब 20,000 टन सोना जमा है। एक अनुमान के मुताबिक़ भारत में एक खरब डॉलर मूल्य का सोना लोगों के निजी लॉकरों में जमा है। सरकार सोने की जरूरत पूरी करने के लिए उसका आयात करती है, जबकि हमारे घरों और अन्य जगहों पर सोना बेकार पड़ा है. सरकार का मकसद इस स्कीम के जरिए बेकार पड़े सोने को अर्थव्यवस्था में वापस लाना है।