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मध्‍य प्रदेश के पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने 19 महीने बाद फिर थामा कांग्रेस का हाथ

मध्‍य प्रदेश के पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने 19 माह बाद फिर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। उनका कहना है कि उन्‍हें भाजपा में घुटन महसूस होने लगी थी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 08:40 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 08:43 PM (IST)
मध्‍य प्रदेश के पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने 19 महीने बाद फिर थामा कांग्रेस का हाथ
मध्‍य प्रदेश के पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने 19 महीने बाद फिर थामा कांग्रेस का हाथ

भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। भाजपा और कांग्रेस के बीच नेताओं के दलबदल करके सदस्यता लेने का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में रविवार को 30 साल पुराने कांग्रेस नेता एवं पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू 19 महीने बाद ही अपने पुत्र अजीत बौरासी के साथ कांग्रेस में लौट गए। विधानसभा चुनाव 2018 में गुड्डू ने कांग्रेस में टिकट वितरण से नाराज होकर जिस महत्वाकांक्षा के साथ भाजपा का दामन थामा था... उनका कहना है कि उन्‍हें वहां घुटन महसूस होने लगी थी।

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गुड्डू ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया से उनकी पुरानी कड़वाहट है। सिंधिया के भाजपा में आने से वह खुद को असहज महसूस कर रहे थे। प्रेमचंद गुड्डू मध्‍य प्रदेश के मालवांचल के दबंग नेताओं में गिने जाते हैं। उन्होंने और उनके पुत्र अजीत ने रविवार को दोपहर करीब एक बजे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर सदस्यता ली। इस मौके पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी, पीसी शर्मा और संगठन प्रभारी उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर आदि मौजूद थे।

सदस्यता लेने के बाद गुड्डू और उनके बेटे अजीत ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (पीसीसी) अध्यक्ष कमल नाथ से उनके सरकारी निवास पर जाकर मुलाकात की और उपचुनाव की तैयारियों पर चर्चा की। रविवार को भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुए गुड्डू के घर वापसी कार्यक्रम में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए तय शारीरिक दूरी और मास्क लगाने जैसे जरूरी मापदंडों का अधिकांश लोगों ने उल्लंघन किया। बता दें कि बीते दिनों मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने प्रेमचंद गुड्डू को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

भाजपा की ओर से गुड्डू को निकाले जाने पर कहा गया था कि कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं देने के कारण उनको पार्टी से बाहर का रास्‍ता दिखाया गया। वहीं गुड्डू का कहना है कि उन्होंने फरवरी में पार्टी छोड़ दी थी। गुड्डू ने कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया से कड़वाहट स्व. माधवराव सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर मध्‍य प्रदेश विकास कांग्रेस गठित करके चुनाव लड़ने के समय से ही है। गुड्डू ने कहा कि उस वक्त मध्‍य प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष होने के कारण उन्‍होंने माधवराव सिंधिया के खिलाफ जमकर प्रचार किया था।

बकौल गुड्डू माधवराव सिंधिया बहुत कम अंतर से चुनाव जीते थे। बाद में उन्होंने गुड्डू को कार्यकाल के बीच में ही पद से हटवाकर गोविंद सिंह राजपूत (मौजूदा शिवराज सरकार में सिंधिया समर्थक मंत्री) को अध्यक्ष बनवाया था। गुड्डू ने बताया कि इसके बाद राजस्थान की तत्कालीन मुख्यमंत्री के नाते वसुंधरा राजे सिंधिया इंदौर में रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा का लोकार्पण करने आई तो उनके खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को साथ लेकर प्रदर्शन किया और वसुंधरा राजे सिंधिया से उनके पूर्वजों द्वारा रानी लक्ष्मीबाई का साथ नहीं देने के लिए माफी मांगने की मांग रखी थी।  


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