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Arun Jaitley Passes Away: अरुण जेटली को कहा जाता था ‘ब्‍लॉग मिनिस्‍टर’, जानें क्‍या थे अंतिम ट्वीट और ब्‍लॉग

अपनी पार्टी के लिए बचाव हो या विपक्ष पर हमला सबके लिए हमेशा सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली माइक्रो ब्‍लॉगिंग ट्वीटर फेसबुक और ब्‍लॉगिंग प्‍लेटफार्म का उपयोग करते थे।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 24 Aug 2019 02:23 PM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 04:29 PM (IST)
Arun Jaitley Passes Away: अरुण जेटली को कहा जाता था ‘ब्‍लॉग मिनिस्‍टर’, जानें क्‍या थे अंतिम ट्वीट और ब्‍लॉग
Arun Jaitley Passes Away: अरुण जेटली को कहा जाता था ‘ब्‍लॉग मिनिस्‍टर’, जानें क्‍या थे अंतिम ट्वीट और ब्‍लॉग

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। सोशल मीडिया के तमाम प्‍लेटफार्म पर सक्रिय रहने वाले भारतीय जनता पार्टी के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व वित्‍त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार को निधन हो गया। 66 वर्षीय जेटली को पिछले कई दिनों से  जीवन रक्षक प्रणाली पर एम्‍स में भर्ती थे।  लगभग हर रोज वे अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करते ही थे। ब्‍लॉग पर उनकी लेखनी में हर शब्‍द उनके कानूनी प्रशिक्षण व अनुभवों को बयां करते थे।

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‘ब्‍लॉग मिनिस्‍टर’ का खिताब

पार्टी के बचाव में और विपक्ष पर हमला करने का कोई मौका वे जाने नहीं देते थे और तुरंत ब्‍लॉग लिख डालते थे तभी उन्‍हें ‘ब्‍लॉग मिनिस्‍टर’ का खिताब भी हासिल था।  जाधव का मुद्दा हो, जीएसटी, तीन तलाक, बजट 2019 20 के अलावा भी न जाने कितने ही मुद्दों पर जेटली ने ब्‍लॉग लिखने के लिए कलम उठाया।

अंतिम ट्वीट में सुषमा स्‍वराज के निधन पर जताया था शोक

अंतिम ट्वीट उन्‍होंने इस माह के शुरुआत में 7 अगस्‍त को की थी। उस दिन उन्‍होंने पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज के निधन पर गहरा दुख व्‍यक्‍त किया था। इसके अलावा उन्‍होंने महान संत तुलसीदास जी की जयंती पर अपनी श्रद्धा जाहिर की थी| इन्‍हीं दोनों पोस्‍ट को उन्‍होंने अपने फेसबुक पेज पर भी दोहराया था। उन्‍होंने  लिखा, 'सुषमाजी के निधन पर दुख, दर्द और टूट गया हूं। वह इस युग की सबसे उत्कृष्ट राजनीतिज्ञों में से एक थीं। उन्होंने पार्टी व एनडीए सरकार की तमाम वरिष्ठ पदों का कार्यभार बखूबी निभाया।'

अंतिम ब्‍लॉग में कही थी ये बात

अंतिम ब्‍लॉग में जम्‍मू कश्‍मीर को लेकर किए गए फैसले के लिए उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह की तारीफ करते हुए लिखा कि इन्‍होंने असंभव पर जीत हासिल की। इसमें उन्‍होंने अनुच्‍छेद 370 को हटाए जाने को लेकर ऐतिहासिक असफल प्रयासों, प्रधानमंत्री की कश्‍मीर नीति, कश्‍मीर की जनता पर इस अनुच्‍छेद का नकारात्‍मक प्रभाव आदि का भी उल्‍लेख किया। अपने अंतिम ब्‍लॉग में अरुण जेटली ने लिखा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्पष्ट दृष्टिकोण से इतिहास रचा है। अनुच्छेद 370 पर फैसले के लिए ऐसे राजनीतिक हिम्‍मत की ही जरूरत थी। साथ ही गृह मंत्री शाह की भी प्रशंसा की। उन्होंने आगे लिखा कि यह धारणा पूरी तरह गलत साबित हुई है कि भाजपा का वादा सिर्फ नारा था। इसके पहले उन्‍होंने जीएसटी के दो साल पूरे होने पर भी ब्‍लॉग पोस्‍ट लिखा था।

सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म पर थे सक्रिय

ट्वीटर, फेसबुक के अलावा ब्‍लॉग लिखने के लिए भी उनको जाना जाता है। 6 अगस्‍त को उन्‍होंने अपना अंतिम ब्‍लॉग लिखा था। इसमें उन्‍होंने जम्‍मू कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 को हटाए जाने के मुद्दे को उठाया था। अपने विचार जाहिर करने के लिए अरुण जेटली हमेशा अपने ब्‍लॉग का रास्‍ता अपनाते थे। विपक्ष पर हमला करना हो या सरकार की पहलुओं से अवगत कराना...अरुण जेटली अपने ब्‍लॉग का सहारा लेते थे।

भाषण में होती थी शायरी, सोशल मीडिया पर भी हुए थे वायरल

मुखर अरुण जेटली के भाषण में अक्‍सर शेरो शायरी हुआ करते थे। वर्ष 2015 में उन्‍होंने अपने बजट भाषण के दौरान पहली बार ध्‍यान खींचा था- कुछ तो फूल खिलाये हमने और कुछ फूल खिलाने हैं, मुश्किल ये है बाग में अब तक कांटें कई पुराने हैं। वर्ष 2017 में जब उन्‍होंने संसद में बजट पेश किया था तब उन्‍होंने इस शायरी को अपने भाषण में शामिल किया था- इस मोड़ पर घबरा कर न थम जाइए आप, जो बात नई है अपनाइए आप, डरते हैं क्यों नई राह पर चलने से आप, हम आगे आगे चलते हैं आइए आप। इस तरह से उन्‍होंने कई बार अपने स्‍पीच में शायराना अंदाज अपनाया। उनके कई भाषण तो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुए।

राफेल मुद्दे पर राहुल गांधी को लपेटे में लेने वाला भाषण हो या जेएनयू पर राज्यसभा में दिया गया भाषण सबका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। काले धन पर भी उन्‍होंने शरद यादव के साथ हुई बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। अरुण जेटली ने राफेल मुद्दे पर कहा था,'राहुल गांधी जिस कंपनी का नाम ले रहे हैं वह ऑफसेट प्रोवाइडर है, लेकिन राहुल गांधी उसे राफेल बनाने वाली कंपनी समझते हैं।'

आपातकाल की 43वीं एनिवर्सरी पर ब्‍लॉग सीरीज

इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की 43वीं एनिवर्सरी पर तो उन्‍होंने तीन हिस्‍सों में एक ब्‍लॉग सीरिज चलाई थी। ब्‍लाॅग में उन्‍होंने इंदिरा गांधी की तुलना हिटलर से की थी। उन्‍होंने लिखा हिटलर और इंदिरा गांधी दोनों ने देश पर तानाशाही थोपी, इसके लिए उन्होंने संविधान रद्द नहीं किया बल्कि उसी का इस्तेमाल किया।

स्‍मृति इरानी के समर्थन में लिखा था पोस्‍ट

केंद्रीय मंत्री स्‍मृति इरानी की शैक्षणिक डिग्री को लेकर जब विपक्ष ने हमला किया थातब एक बार फिर उनके बचाव जेटली सामने आए थे और कहा था कि कांग्रेस के राहुल गांधी की शैक्षणिक योग्‍यता भी चर्चा का विषय है। ब्‍लॉग में उन्‍होंने सवाल किया था कि मास्‍टर डिग्री के बिना राहुल को एमफिल की डिग्री कैसे मिल गई।

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