Sushma Swaraj passes away: ..तो इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थीं सुषमा स्वराज
Sushma Swaraj के निधन की खबर के बाद बार-बार लोग उनके आखिरी ट्वीट को पढ़ रहे हैं जो बेहद मार्मिक है। एम्स ले जाने से महज तीन घंटे पहले ही उन्होंने एक ट्वीट किया था।
नई दिल्ली, जेएनएन। पूर्व विदेश मंत्री तथा भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का मंगलवार रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 67 वर्ष की थीं। सुषमा स्वराज के निधन की खबर सुनकर पूरे देश में शोक की लहर है। भाजपा ही नहीं, बल्कि विरोधी दलों के नेता भी सुषमा स्वराज के निधन से स्तब्ध हैं।
सुषमा के निधन की खबर के बाद बार-बार लोग उनके आखिरी ट्वीट को पढ़ रहे हैं जो बेहद मार्मिक है। एम्स ले जाने से महज तीन घंटे पहले ही उन्होंने एक ट्वीट किया था। यह ट्वीट जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के लोकसभा में पारित होने को लेकर था। उन्होंने इस विधेयक के पारित होने पर प्रधानमंत्री का आभार जताया था और जो पंक्ति लिखी थी ऐसा लग रहा था जैसे उन्हें आभास हो गया हो कि वह इस दुनिया को छोड़कर जा रही हैं।
मंगलवार को भी तबीयत बिगड़ने से कुछ ही देर पहले उन्होंने अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने पर ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृह मंत्री अमित शाह को बधाई दी।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- 'प्रधानमंत्री जी, आपका हार्दिक अभिनंदन। मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी।' वहीं, उन्होंने शाह के लिए लिखा- 'गृह मंत्री श्री अमित शाह जी को उत्कृष्ट भाषण के लिए बधाई।'
सुषमा स्वराज मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री थीं। वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रही थीं। 16वीं लोकसभा में वह मध्य प्रदेश के विदिशा से सांसद चुनी गई थीं। इस बार उन्होंने खराब स्वास्थ्य की वजह से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। विदेश मंत्री रहते हुए वह सोशल मीडिया पर शिकायतों को सुनने और उनके निपटारे के लिए काफी लोकप्रिय थीं। वह दिल्ली की मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं।
सुषमा स्वराज के नाम दर्ज हैं कई कीर्तिमान
14 फरवरी 1952 को जन्मीं सुषमा स्वराज के नाम कई कीर्तिमान हैं, जिसे अब देश याद करेगा। 1977 में जब वह 25 साल की थीं, तब वह भारत की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनी थीं। वह 1977 से 1979 तक सामाजिक कल्याण, श्रम और रोजगार जैसे 8 मंत्रालय मिले थे। जिसके बाद 27 साल की उम्र में 1979 में वह हरियाणा में जनता पार्टी की राज्य अध्यक्ष बनी थीं।
सुषमा स्वराज के नाम ही राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टी की पहली महिला प्रवक्ता होने का गौरव प्राप्त था।इसके अलावा सुषमा स्वराज पहली महिला मुख्यमंत्री, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और विपक्ष की पहली महिला नेता थीं।
इंदिरा गांधी के बाद सुषमा स्वराज दूसरी ऐसी महिला थीं, जिन्होंने विदेश मंत्री का पद संभाला था। बीते चार दशकों में वे 11 चुनाव लड़ीं, जिसमें तीन बार विधानसभा का चुनाव लड़ीं और जीतीं। सुषमा सात बार सांसद रह चुकी थीं।
विदेश मंत्री के तौर पर शानदार रहा था कार्यकाल
पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री रहीं सुषमा ने देश से बाहर रह रहे भारतीय समुदाय के मन में विशेष स्थान बनाया था क्योंकि वह बिना देरी किए उनकी समस्याओं को सुलझा देती थीं। हाल ही में पाक जेल में बंद पूर्व भारतीय नौसैनिक कुलभूषण जाधव के परिवार ने उनसे मुलाकात की थी और खुद तस्वीर भी साझा की थी। बता दें कि सुषमा के विदेश मंत्री रहते हुए भारत ने जाधव मामले को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में उठाया था।
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