सिंधिया पर बोलीं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती- मुझे खुशी है कि मेरा प्यारा भतीजा भाजपा में आ गया
उमा भारती ने कहा कि उन्होंने संगठन में काम करने की इच्छा जताई थी इसलिए वह संगठन के लिए काम कर रही हैं और अधिकतर समय भोपाल में ही रह रही हैं।
शिवपुरी, स्टेट ब्यूरो। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने मंगलवार को शिवपुरी में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रदेश में कांग्रेस पूरी तरह से खत्म हो गई है। बची खुची कसर खुद कांग्रेसियों ने ही पूरी कर दी। उपचुनाव में भाजपा पूरी 24 सीटों पर विजय प्राप्त करेगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने को लेकर उन्होंने कहा कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया की भी इच्छा थी कि माधवराव भी भाजपा में आएं, लेकिन वे किन कारणों से कांग्रेस में रहे यह समझ से परे है, लेकिन, मुझे खुशी है कि मेरा लाड़ला भतीजा भाजपा में आ गया है। जो भी भाजपा में आ जाता है उसकी विचारधारा भी भाजपा की ही हो जाती है।
उमा ने कहा कि सिंधिया के भाजपा में आने के बाद भोपाल पहुंचने पर कार्यकर्ताओं में जबदरस्त उत्साह था और उन्होंने उनका जमकर स्वागत किया। सिंधिया के साथ कई कार्यकर्ताओं और नेताओं ने भी कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। राकेश चौधरी के भाजपा से कांग्रेस में जाने को लेकर उमा भारती का कहना था कि वह उनका निजी कारण होगा या फिर टिकट की आकांक्षा के कारण उन्होंने भाजपा छोड़ी होगी।
उमा भारती ने कहा- 2024 में लडूंगी चुनाव
उमा भारती ने कहा कि उन्होंने संगठन में काम करने की इच्छा जताई थी, इसलिए वह संगठन के लिए काम कर रही हैं और अधिकतर समय भोपाल में ही रह रही हैं। पांच साल संगठन के लिए काम करूंगी और उसके बाद 2024 में चुनाव लड़ूंगी। यदि आलाकमान निर्देश देगा तो उपचुनाव में वह चुनाव में प्रचार की जिम्मेदारी संभालेगी लेकिन यहां प्रचार की जरूरत ही महसूस नहीं होगी।
भाजपा बहुत बड़ी पार्टी है, हर किसी को पचाने में सक्षम: तोमर
केंद्रीय कृषि तथा कल्याण पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को ग्वालियर में ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने मोदी सरकार के एक साल पूरे होने पर उपलब्धियों को गिनाया। इस दौरान नईदुनिया के सवाल पर भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया पर सधे हुए शब्दों में उन्होंने कहा कि भाजपा बहुत बड़ी पार्टी है। हर किसी को पचाने में सक्षम है। उनसे सवाल किया गया था कि नगर भाजपा अध्यक्ष का विरोध आपके गुट ने किया। इससे नहीं लगता कि ग्वालियर-चंबल की राजनीति में अब दो पावर सेंटर बन गए हैं।