महागठबंधन की गांठः एनडीए के घाट लग सकती है मांझी की नाव, लालू से नहीं बनी बात
Lalu Prasad Yadav Met Jitan Ram Manjhi. बिहार में विपक्षी महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर नाराज चल रहे पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शनिवार को राजद सुप्रीमो से मुलाकात की।
रांची, राज्य ब्यूरो। बिहार में विपक्षी महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर लगातार नाराज चल रहे पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की फिर से एनडीए में जाने की अटकलें तेज हो गई हैं। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा-जदयू के गठबंधन को टक्कर देने के लिए बने विपक्षी महागठबंधन में कांग्रेस-राजद की तुलना में कम सीटें दिए जाने से नाराज मांझी शनिवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की शरण में रांची के रिम्स पहुंचे।
बताया जा रहा है कि लालू से मिलने के क्रम में उन्होंने बिहार में विपक्षी महागठबंधन पर अपनी बात रखी। लेकिन लालू उन्हें किसी भी सूरत में ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं हुए। स्टेट गेस्ट हाउस में मीडिया से बातचीत में मांझी ने कहा कि बिहार में कांग्रेस के चलते महागठबंधन में दिक्कत आ रही है। कांग्रेस ज्यादा सीटें मांग रही है, जिससे सभी सहयोगियों के साथ न्याय नहीं हो पा रहा है। जबकि लालू प्रसाद यादव ने 25 फरवरी तक बैठकर सबकुछ तय करने को कहा है।
सूत्रों ने कहा है कि मांझी ने राजद नेताओं को 12 सीटों की सूची दी थी, लेकिन उन्हें केवल एक सीट की पेशकश की गई। वर्तमान में मांझी अपनी पार्टी के राज्य विधानसभा में एक अकेले विधायक हैं। मालूम हो कि चारा घोटाले के चार मामलों में सजा काट रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से शनिवार को मुलाकातियाें के मिलने का दिन है। लालू से मुलाकात के बाद पेइंग वार्ड से बाहर निकले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी के चेहरे पर निराशा के भाव थे। नाराजगी के कारण वे मीडिया से बिना बात किए ही रिम्स से चलते बने। बहरहाल जीतन राम मांझी की नाराजगी को समझें तो राजद ने उन्हें उनकी मांग से बहुत कम सीटों की पेशकश करके उन्हें ठंडा कर दिया है। ऐसे में वे एक बार फिर से एनडीए का दामन थाम सकते हैं।
इस बीच राजद के बड़े नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी लालू से मुलाकात की है। रघुवंश प्रसाद सिंह ने बताया कि वे लालू की सेहत के बारे में जानने पहुंचे थे। उन्होंने लालू की दांतों मे तकलीफ का भी जिक्र किया। रघुवंश ने जीतनराम मांझी की नाराजगी पर कहा कि हम सब का लक्ष्य 2019 में भाजपा को सत्ता से बेदखल करना है। जीतनराम नाराज नहीं हैं, वे मान जाएंगे।
रघुवंश प्रसाद सिंह ने आगे कहा कि बिहार में जल्द ही महागठबंधन की सीटों का एलान कर दिया जाएगा। लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीतिक चर्चा के लिए लालू प्रसाद से मशविरा करने के बाबत उन्होंने कहा कि सबकुछ लालू जी की मर्जी से ही हो रहा है। इधर राज्यसभा सांसद अहमद अशरफ करीम ने भी राजद सुप्रीमो से मुलाकात की है। सांसद करीम ने बताया कि वे लालू यादव से मिलकर उनकी सेहत की जानकारी लेने आए थे। विपक्षी महागठबंधन की बातों पर उन्होंने चुप्पी साध ली।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए अंदरखाने उलझ रही बिहार की विपक्षी सियासत में अभी सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। कहा जा रहा है कि एनडीए का दामन छोड़कर यूपीए में आए पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा और जीतन राम मांझी की हम पार्टी मनमाफिक सीटें नहीं मिलने से नाराज हैं। ऐसे में विपक्षी महागठबंधन का पेच उलझा हुआ माना जा रहा है।
कुछ दिन पहले ही जीतन राम मांझी ने किसी भी सूरत में सम्मान से समझौता नहीं करने और कद के अनुसार सीटें नहीं मिलने पर दूसरे विकल्पों के बारे में सोचने की बात कही थी। इधर दूसरी ओर लोकसभा चुनाव के ऐन पहले तेजी से बदल रहे घटनाक्रम में बिहार के भाजपा नेता की ओर से जीतन राम मांझी को फिर से एनडीए में आने का न्योता भी दिया गया था। बहरहाल जीतन राम ने कहा था कि वे लालू से मिलकर तफसील से अपनी बात रखेंगे। अगर लालू उनकी बातों से सहमत नहीं होंगे तो वे कोई और कदम उठाएंगे।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेकुलर) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने बीते दिन धारा 370 पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार के रुख का समर्थन करते हुए राजनीतिक हलकों को अटकलों के साथ समर्थन देते हुए कहा था कि वह एनडीए में वापसी पर विचार कर सकते हैं। पूर्व सीएम ने महागठबंधन में सीट बंटवारे के संबंध में भी कड़ी बात करते हुए कहा कि उन्हें राजद और कांग्रेस को छोड़कर अन्य सहयोगियों की तुलना में अधिक संख्या में सीटें मिलनी चाहिए। हमारे पास बिहार में एक बड़ा वोट बैंक है।
इससे पहले मांझी ने कहा था कि अगर वे आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ते हैं तो वे राज्यसभा जाने के लिए हमेशा तैयार हैं। मांझी का कहना है कि रालोसपा और अन्य छोटे सहयोगियों की तुलना में सीटों की अधिक संख्या के लिए हमारी मांग जायज है, क्योंकि हमारी पार्टी के पास मुसहर वोटों का 8% और अन्य अनुसूचित जाति के वोटों को महागठबंधन उम्मीदवारों के पक्ष में स्थानांतरित करने की क्षमता है।
इस बीच, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष देवेश कुमार ने कहा कि हम मांझी का हमेशा स्वागत करेंगे, अगर वह हमारी तरफ आना चाहते हैं। इसके लिए मांझी को पहलेनिर्णय लेना है, फिर हम देखेंगे। कुछ दिन पहले, बिहार भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय और जद (यू) के वरिष्ठ नेता ने भी कहा था कि अगर हम एनडीए में लौटेगा तो हमारी ताकत बढ़ेगी। हम मांझी का स्वागत करेंगे। वह हमारे साथ थे और हमारे मन में उनके लिए बहुत सम्मान है।