पूर्व कैबिनेट सचिव ने कहा- पश्चिम एशिया में युद्ध जैसी स्थिति में 2300 लोगों को भारत लाया था सुरक्षित
पूर्व कैबिनेट सचिव बीके चतुर्वेदी ने 13 साल पहले युद्ध प्रभावित स्थानों से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस लाए जाने जैसे मुद्दों पर अपने अनुभव को साझा किया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत ने वर्ष 2006 में पश्चिम एशिया में युद्ध जैसी स्थिति के दौरान नेपाल और श्रीलंका के कुछ नागरिकों सहित करीब 2,300 लोगों को सुरक्षित स्वदेश वापस लाया था। दरअसल, ये लोग इजराइल-लेबनान संघर्ष में फंस गए थे।
पूर्व कैबिनेट सचिव बीके चतुर्वेदी ने अपनी पुस्तक 'चैलेंजेज ऑफ गवर्नेंस: ऐन इनसाइडर्स व्यू' में शासन, गठबंधन राजनीति और आपात स्थिति से निपटने के मुद्दों तथा 13 साल पहले युद्ध प्रभावित स्थानों से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस लाए जाने जैसे मुद्दों पर अपने अनुभव को साझा किया है।
उन्होंने बताया कि लेबनान-इजराइल के युद्धग्रस्त क्षेत्रों में फंसे लोगों को सहयोग मुहैया करने का यह एक बचाव अभियान था। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि उस वक्त लेबनान में 1200 भारतीय मौजूद थे। चतुर्वेदी उस वक्त इन घटनाक्त्रमों की नई दिल्ली से निगरानी कर रहे थे।
उन्होंने पुस्तक में कहा है कि वहां सड़क मार्ग पर काफी खतरा था, इसलिए सरकार ने इन लोगों को साइप्रस में एक बंदरगाह तक लाने के लिए समुद्री मार्ग को चुना, जहां से उन्हें एयर इंडिया के विमान से दिल्ली लाया गया।
उन्होंने पुस्तक में लिखा, इसकी प्रवासी भारतीयों और पड़ोसी देश- नेपाल एवं श्रीलंका ने भी सराहना की, जिनके नागरिक भी एयर इंडिया की उड़ानों से वापस लाए गए थे। करीब 2300 लोगों को वापस लाया गया था। यह इस बात का संकेत देता है कि आपात स्थिति में हमारी प्रणाली कितनी प्रभावी है।
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