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अब तरुण गोगोई बोले, 'एनआरसी से असम में हो जाएगा खून-खराबा'

एनआरसी के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद अब असम के पूर्व CM तरुण गोगोई ने कहा, भाजपा राज्य में खूनखराबा कराना चाहती है।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Tue, 07 Aug 2018 07:55 AM (IST)Updated: Tue, 07 Aug 2018 08:46 AM (IST)
अब तरुण गोगोई बोले, 'एनआरसी से असम में हो जाएगा खून-खराबा'
अब तरुण गोगोई बोले, 'एनआरसी से असम में हो जाएगा खून-खराबा'

नई दिल्ली (आइएएनएस)। नेशनल रजिस्टर फॉर सिटिजंस (एनआरसी) को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद अब असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के बोल बिगड़े हैं। गोगोई का कहना है कि 40 लाख आवेदकों का नाम हटाने के इस कदम से भाजपा राज्य में खूनखराबा कराना चाहती है।

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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एनआरसी को कांग्रेस सरकार ने ही शुरू किया था और अब भाजपा इसे हड़पने का प्रयास कर रही है। राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करते हुए इसमें अवैध नागरिकों को शामिल कर लिया गया है और वास्तविक नागरिकों को बाहर कर दिया गया है।

विदेशी नागरिकों के मुद्दे पर भाजपा को घेरते हुए गोगोई ने श्वेत पत्र लाने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि पिछले चार साल में कितने विदेशियों की पहचान हुई और उन्हें वापस भेजा गया। बांग्लादेश से लगी सीमा से घुसपैठ रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी भी सरकार दे। इस बीच राज्य में भाजपा की सहयोगी असम गण परिषद ने भी में एनआरसी मामले में केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि इसमें कुछ धर्म विशेष के लोगों को ही जगह दी गई है।

सब नहीं कर सकेंगे पुन: दावा

एनआरसी में जिन 40 लाख लोगों का नाम नहीं है, उनमें से सबको इसके खिलाफ दावा करने का मौका नहीं मिलेगा। एक अधिकारी के मुताबिक, जिन्होंने अपनी भारतीय नागरिकता प्रमाणित करने के लिए 31 अगस्त, 2015 की आखिरी तारीख तक आवेदन कर दिया था, उन्हें ही इस पर आपत्ति की अनुमति होगी। ऐसे लोग 10 अगस्त से 28 सितंबर के बीच दावा कर सकेंगे। अन्य लोगों के मामले में फाइनल एनआरसी आने के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार कदम उठाया जाएगा।

'मैं अर्जुन की तरह काम करता हूं'

असम एनआरसी को-ऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने अपनी तुलना महाभारत के अर्जुन से की है। उन्होंने कहा, 'मैं एक संवैधानिक कार्य कर रहा हूं और यह काम मैं सुप्रीम कोर्ट के अधीन कर रहा हूं। इस स्थिति में मैं किसी दबाव की चिंता नहीं करता। अर्जुन की तरह मेरी निगाह केवल मछली की आंख पर रहती है।'


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