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विदेश मंत्री जयशंकर ने पाक पर साधा निशाना, कहा- एक को छोड़ हमारे सारे पड़ोसी अच्छे

Foreign Minister S Jaishankar ने कहा कि वह चाहते हैं कि भारतीय विदेश नीति इतनी प्रभावशाली हो कि उसी के आधार पर वैश्विक मामले तय किए जाएं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 08:59 PM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 07:01 AM (IST)
विदेश मंत्री जयशंकर ने पाक पर साधा निशाना, कहा- एक को छोड़ हमारे सारे पड़ोसी अच्छे
विदेश मंत्री जयशंकर ने पाक पर साधा निशाना, कहा- एक को छोड़ हमारे सारे पड़ोसी अच्छे

नई दिल्ली, प्रेट्र। पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा है कि बस एक को छोड़कर हमारे सारे पड़ोसी अच्छे हैं। साथ ही उन्होंने चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) परियोजना में भारत के शामिल होने की संभावना से साफ इन्कार कर दिया।

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जयशंकर ने शुक्रवार को व‌र्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के एक सत्र के दौरान कहा कि भारत में विकास से पूरे क्षेत्र (दक्षिण एशिया) का उत्थान होगा। लिहाजा, इस क्षेत्र में कई संयुक्त उपक्रम चल रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा, 'अब हम अपने पड़ोसी से और बात नहीं कर रहे। एक को छोड़कर हमारे सभी पड़ोसियों से क्षेत्रीय सहयोग बहुत अच्छा रहा है।'

उन्होंने कहा कि हमारी स्थिति बेहद अनूठी है। देश में बाजार आधारित अर्थव्यवस्था, लोकतंत्र और बहुरंगी समाज होने के चलते हमें पश्चिम के साथ तालमेल रखने में कोई कठिनाई नहीं होती है। उभरते हुए एशिया का हिस्सा होने के नाते हमसे संतुलन बनाने के इच्छुक बहुत से एशियाई देशों के साथ हमारा अच्छा तालमेल है।

बीआरआइ में शामिल नहीं होगा भारत

विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) परियोजना में भारत के शामिल होने की संभावना को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि हम हम हैं, कोई और देश नहीं हैं। यह सिर्फ इस परियोजना में ही नहीं, बल्कि कई अन्य मुद्दों पर लागू होता है। मेरी समझ यह है कि जैसे-जैसे भारत बड़ा होता जा रहा है, हम अन्य देशों के लिए अवधारणाएं विकसित करने लगेंगे। यह नहीं हो सकता कि हम दूसरों की परियोजनाओं की नकल करने लगें।

राष्ट्रवाद नकारात्मक भाव नहीं

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि वह चाहते हैं कि भारतीय विदेश नीति इतनी प्रभावशाली हो कि उसी के आधार पर वैश्विक मामले तय हों। उन्होंने कहा कि भारत इस दिशा में एक अपवाद है क्योंकि हम अधिक राष्ट्रवादी हैं। लेकिन इसी के साथ हमें राष्ट्रवादी और अंतरराष्ट्रीय होने के बीच में कोई परेशानी महसूस नहीं होती है। चूंकि हम विश्व से अधिक जुड़ाव और संपर्क रख रहे हैं। इसलिए राष्ट्रवाद कोई नकारात्मक भाव नहीं है।


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