Move to Jagran APP

सियासी घामासान के बीच कर्नाटक में शक्ति परीक्षण आज

कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल का येद्दयुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता देने का फैसला कानूनन सही था या गलत, इस पर विस्तृत सुनवाई बाद में की जाएगी।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Fri, 18 May 2018 11:43 PM (IST)Updated: Fri, 18 May 2018 11:44 PM (IST)
सियासी घामासान के बीच कर्नाटक में शक्ति परीक्षण आज
सियासी घामासान के बीच कर्नाटक में शक्ति परीक्षण आज

माला दीक्षित, नई दिल्ली । संख्याबल के फेर में फंसे कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा के लिए अग्निपरीक्षा की घड़ी आ गई है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें शनिवार शाम चार बजे तक सदन में बहुमत साबित करने का आदेश दिया है। केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने गुप्त मतदान की मांग की जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। दूसरे पक्ष की ओर से वीडियोग्राफी की मांग की गई, लेकिन कोर्ट ने उससे भी इन्कार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल का येद्दयुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता देने का फैसला कानूनन सही था या गलत, इस पर विस्तृत सुनवाई बाद में की जाएगी।

loksabha election banner

जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने कांग्रेस और जदएस की याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को ये आदेश दिए। कांग्रेस और जदएस ने संयुक्त याचिका दाखिल कर राज्यपाल का भाजपा को सरकार बनाने का निमंत्रण दिए जाने को चुनौती दी है। कोर्ट ने इस याचिका पर बुधवार को रातभर सुनवाई की थी। इसके बाद येद्दयुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक से इन्कार कर दिया था, लेकिन सरकार बनाने का दावा पेश करने वाले राज्यपाल को दिए गए उनके पत्र तलब किए थे ताकि पता चल सके कि किस आधार पर उन्हें न्योता दिया गया।

नहीं बताई थी समर्थक विधायकों की संख्या:

शुक्रवार को येद्दयुरप्पा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने राज्यपाल को सौंपे गए 15 और 16 मई के पत्र कोर्ट में पेश किए। इनमें कहा गया है कि भाजपा सबसे बड़ा दल है और उसके पास बहुमत साबित करने के लिए अन्य लोगों का भी समर्थन है। ऐसे में उसे सरकार बनाने का मौका दिया जाए।

नहीं दिया सोमवार तक का वक्त:

कोर्ट ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए उन्हें लगता है कि बहुमत का परीक्षण 19 मई को ही हो जाना चाहिए। मुकुल रोहतगी ने बहुमत साबित करने के लिए सोमवार तक का वक्त मांगा, लेकिन कोर्ट ने इन्कार कर दिया।

दस सप्ताह बाद फिर सुनवाई

कोर्ट ने मुख्य याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए येद्दयुरप्पा व अन्य पक्षकारों को छह सप्ताह का समय दिया है। इसके बाद याचिकाकर्ता को प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए चार सप्ताह मिलेंगे। मामले को 10 सप्ताह बाद फिर सुनवाई पर लगाया जाएगा।

हैदराबाद से पहुंचेंगे विपक्षी विधायक:

कांग्रेस और जदएस के विधायक इस समय हैदराबाद के एक होटल में हैं। उन्हें गुरुवार की रात बसों में भरकर हैदराबाद पहुंचाया गया था। शपथ और मतदान के लिए उन्हें शनिवार सुबह सीधे विधानसभा लाया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट के अहम निर्देश :

-बहुमत साबित होने तक सीएम येद्दयुरप्पा कोई नीतिगत फैसले न लें।

-एंग्लो इंडियन सदस्य की नियुक्ति व शक्ति परीक्षण में भाग लेने पर रोक।

-प्रोटेम स्पीकर शनिवार शाम चार बजे तक बहुमत परीक्षण की कार्यवाही कराएं।

-कर्नाटक के डीजीपी विधायकों, विधानसभा के बाहर कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करें।

-2010 में 16 विधायकों को अयोग्य घोषित कर येद्दयुरप्पा सरकार बचाने वाले बोपैया बने प्रोटेम स्पीकर, कांग्रेस गई सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष अदालत के आदेश के बाद येद्दयुरप्पा सरकार ने केजी बोपैया को विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर (अस्थायी अध्यक्ष) बना दिया है। कांगे्रस-जदएस इसका भी विरोध करते हुए रात में ही सुप्रीम कोर्ट चली गई थी लेकिन मामले पर सुनवाई शनिवार को सुबह होगी।

कांग्रेस नेता सिंघवी का कहना है कि विधानसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य को यह पद दिया जाता है। कांग्रेस के आरवी देशपांडे वरिष्ठतम सदस्य हैं, इसलिए उन्हें बनाया जाना चाहिए था। इस बीच राज्यपाल ने बोपैया को अस्थायी स्पीकर की शपथ दिला दी। बोपैया ने 2010 में तत्कालीन येद्दयुरप्पा सरकार को बचाने के लिए 16 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था।

क्या होगी बोपैया की भूमिका:

-नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाना।

-विश्वासमत के वक्त सदन की कार्यवाही संचालित करना।

-जरूरत पड़ने पर किसी विधायक को अयोग्य घोषित करना।

-प्रस्ताव पर मतदान के बाद मतों की गिनती कराना।

-बराबर-बराबर वोट होने पर अपना मत देकर फैसला करना।

क्या हो सकते हैं दांव-पेंच

दलीय स्थिति

कुल सीटें : 224

प्रभावी संख्या : 221

(कुमारस्वामी का एक वोट कम हुआ, वह दो सीटों से जीते हैं)

बहुमत : 111

भाजपा : 104 (बहुमत से 07 कम)

कांग्रेस : 78

जदएस+ : 37

अन्य : 02

---------------

ऐसा हो तो भाजपा की जीत

- कांग्रेस-जदएस के जो 14 विधायक गायब माने जा रहे हैं, वे सदन की कार्यवाही से गैरहाजिर रहें।

- कांग्रेस व जदएस के 31 लिंगायत विधायक जातीय आधार पर येद्दयुरप्पा के पक्ष में आ जाएं।

- कांग्रेस-जदएस के दो तिहाई विधायकों यानी कांग्रेस के 52 और जेडीएस के 26 विधायकों को वह अपने खेमे में कर ले।

- दो तिहाई सदस्यों के बागी होने पर दलबदल कानून लागू नहीं होगा। हालांकि इसकी संभावना सबसे कम है।

जुबानी जंग जारी :

-'भाजपा विश्वासमत जीतने के प्रति तैयार व आश्वस्त है। हम सदन में बहुमत साबित करेंगे।'Þ

-प्रकाश जावडे़कर, केंद्रीय मंत्री

-'राज्यपाल ने असंवैधानिक कार्य किया। भाजपा ने बिना बहुमत सरकार बनाई। अब वह धन व बाहुबल के दम पर जनादेश चुराने का प्रयास कर रही है।'Þ

-राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष

-'हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हैं, बहुमत साबित करने का पूरा विश्वास है।

-बीएस येद्दयुरप्पा, मुख्यमंत्री

----बोपैया पर आमने-सामने---

कर्नाटक में नियम विरुद्ध प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति कर राज्यपाल ने एक बार फिर से संविधान की हत्या की है। नियमों के तहत किसी सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य को ही प्रोटेम स्पीकर बनाया जा सकता है। इस पद के लिए आठ बार के विधायक आरबी देशपांडे सबसे योग्य थे। जिन्हें दरकिनार किया गया।

- रणदीप सिंह सुरजेवाला, कांग्रेस नेता

----------------

कांग्रेस के आरोप पूरी तरह से गलत हैं। केजी बोपैया को 2008 में भी प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था। इसके अलावा झारखंड में सदन के एक जूनियर विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था, जिसका समर्थन खुद कांग्रेस ने भी किया था। ऐसे में नियुक्ति में कुछ भी गलत नहीं है।

- प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय मंत्री और भाजपा कर्नाटक प्रभारी

-


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.