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Upper Caste Reservation: सवर्णों के लिए क्यों जरूरी है आरक्षण, जानिए वे पांच कारण

गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण की मांग लंबे वक्त से उठती रही है। अब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इस मांग को पूरा करने की ओर एक बड़ा कदम उठाया है। जानें क्यों जरूरी है यह कदम।

By Digpal SinghEdited By: Published: Mon, 07 Jan 2019 02:58 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 09:53 AM (IST)
Upper Caste Reservation: सवर्णों के लिए क्यों जरूरी है आरक्षण, जानिए वे पांच कारण
Upper Caste Reservation: सवर्णों के लिए क्यों जरूरी है आरक्षण, जानिए वे पांच कारण

नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण (upper caste reservation) की मांग लंबे वक्त से उठती रही है। अब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इस मांग को पूरा करने की ओर एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय कैबिनेट ने गरीब सवर्णों के लिए 10 फीसद आरक्षण की पर मुहर लगा दी है। इसी साल होने वाले आम चुनावों के चलते मोदी सरकार के इस कदम को मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है।

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1- सवर्णों में भी हैं गरीब
यह आम धारणा है कि सवर्ण का मतलब होता है समर्थ लेकिन यह सही नहीं है। सवर्णों में भी आर्थिक रूप से कमजोर लोग हैं। यह आंकड़ों से भी साबित हो चुका है। इसके मद्देनजर आरक्षण उनकी जायज मांग है।

2- खेती की खराब हालत
पिछले कुछ सालों से कृषि क्षेत्र और किसानों की हालत खराब हुई है। फसल उगाने के लिए पहले से ज्यादा निवेश करना पड़ रहा है जबकि उससे बहुत अच्छा रिटर्न नहीं मिल रहा है। इससे न सिर्फ सवर्ण बल्कि अन्य जातियां भी प्रभावित हुई हैं लेकिन आरक्षण के कारण अन्य जातियों को इससे बचने में मदद मिली है जबकि आर्थिक रूप से सवर्ण के पास कोई चारा नहीं है।

3- शहरों में रोजगार में कमी
शहरी इलाकों में रोजगार के घटते अवसरों के कारण भी लोगों में असंतोष है। खासकर निजी क्षेत्र में पहले कम नौकरियां हैं। जहां तक सार्वजनिक क्षेत्र की बात है तो वहां आरक्षण के कारण सवर्णों के लिए बहुत कम मौके हैं।

4- आरक्षण का फायदा
आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के महसूस हो रहा है कि बिना आरक्षण के उनका कल्याण संभव नहीं है क्योंकि अपनी आंखों के सामने देख रहे हैं कि कैसे एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों के लोग आरक्षण का फायदा उठाकर आगे बढ़ रहे हैं। न सिर्फ उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी हुई है बल्कि सामाजिक और राजनीतिक रूप से भी वे मजबूत हुए हैं।

5- राजनीतिक समर्थन
सवर्णों को आरक्षण की मांग बहुत पुरानी है। इसे राजनीतिक समर्थन भी प्राप्त है। दरअसल, कोई भी राजनीतिक पार्टी ऐसी नहीं है जो इसका विरोध करने का साहस कर सके। यहां तक कि बसपा जैसी पार्टी भी सवर्णों के लिए आरक्षण की वकालत कर चुकी है।


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