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सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीश स्वाइन फ्लू की चपेट में, सीजेआई ने बचाव पर बुलाई बैठक

पांच न्यायाधीशों को घर में अलग रखा गया है। जिनमें से तीन न्यायाधीशों ने अपना काम शुरू कर दिया है और दो घर में निगरानी में हैं और स्वस्थ हो रहे हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 08:46 PM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 08:46 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीश स्वाइन फ्लू की चपेट में, सीजेआई ने बचाव पर बुलाई बैठक
सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीश स्वाइन फ्लू की चपेट में, सीजेआई ने बचाव पर बुलाई बैठक

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीश स्वाइन फ्लू की चपेट में हैं। हालांकि तीन न्यायाधीशों ने काम शुरू कर दिया है जबकि दो घर में चिकित्सीय निगरानी में हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने मंगलवार को तत्काल एक बैठक बुलाई जिसमें स्वाइन फ्लू की रोकथाम और बचाव के उपायों पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) और सुप्रीम कोर्ट सीजीएचएस डिस्पेन्सरी के डाक्टरों के साथ चर्चा हुई। जिसमें मुख्य न्यायाधीश ने सुप्रीम कोर्ट में काम करने वालों के टीकाकरण का सुझाव दिया। इस बीच मामले की गंभीरता को देखते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में और न्यायाधीशों के घरों में इसकी रोकथाम और बचाव के उपाय शुरु किये हैं।

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सीजेआई ने स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए बुलाई बैठक

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश स्वाइन फ्लू की चपेट में हैं इस बात का पता मंगलवार की सुबह तब चला जब मुकदमों की सुनवाई के लिए अदालत में बैठे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के कई न्यायाधीश स्वाइन फ्लू से पीडि़त हैं। और मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य न्यायाधीश ने इसकी रोकथाम के लिए बैठक बुलाई है। मुख्य न्यायाधीश ने सुबह अदालत में बैठने से पहले इस पर बैठक की जिसके कारण मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश की अदालत 11 बजे बैठी जबकि अदालत बैठने का सामान्य समय 10.30 है।

बैठक में बचाव के उपायों पर चर्चा हुई, टीकाकरण का दिया सुझाव

मुख्य न्यायाधीश के साथ बैठक में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष दुष्यंत दवे और सचिव अशोक अरोड़ा मौजूद थे। इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट स्थित सीजीएचएस डिस्पेंसरी की मुखिया डाक्टर भी मौजूद थीं। बैठक में बचाव के उपायों पर चर्चा हुई जिसमें मुख्य न्यायाधीश ने सुप्रीम कोर्ट में काम करने वाले कर्मचारियों और वकीलों को संक्रमण से बचाने के लिए टीकाकरण का सुझाव दिया।

टीकाकरण और उपचार के लिए कोर्ट परिसर में खुलेगी सीजीएचएस डिस्पेंसरी की स्पेशल क्लीनिक

एचवन एनवन टीके की कीमत 1539 रुपये हैं। एससीबीए अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने कहा कि जो वकील टीके की कीमत वहन नहीं कर सकते ऐसे लोगों के लिए वह दस लाख रुपये की पेशकश करते हैं। बैठक के बाद एससीबीए ने बुधवार को स्वाइन फ्लू संक्रमण से बचाव के बारे में जागरुकता लाने के लिए दोपहर में 1.10 पर वकीलों के बार लाउंज में बैठक करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट की सीजीएचएस डिस्पेंसरी टीकाकरण और उपचार के लिए स्पेशल क्लीनिक भी कोर्ट परिसर में खोलेगी।

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा- सुप्रीम कोर्ट में एचवन एनवन फैल रहा

मंगलवार को मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने भी वरिष्ठ वकील ए. सुंदरम से कहा कि सुप्रीम कोर्ट में एचवन एनवन फैल रहा है। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि आप सभी से अनुरोध है कि जो ठीक नहीं महसूस कर रहे वे अदालत न आएं।

जस्टिस संजीव खन्ना मास्क लगा कर कोर्ट में बैठे

मालूम हो कि कुछ दिन पहले जस्टिस भानुमति निर्भया मामले के दोषियों के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए बेहोश हो गईं थी जिसके बाद सुनवाई स्थगित हो गई। बीच मे एक दिन जस्टिस एनवी रमना मास्क लगा कर कोर्ट में बैठे थे। मंगलवार को जस्टिस संजीव खन्ना को मास्क लगा कर कोर्ट में बैठे देखा गया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय आया एक्शन में

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के स्वाइन फ्लू से संक्रमित होने और मुख्य न्यायाधीश की बैठक के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी एक्शन में आ गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने रोकथाम और बचाव के उपाय शुरू कर दिये हैं।

एचवन एनवन वायरस के कारण सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीश स्वाइन फ्लू की चपेट में

मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीश स्वाइन फ्लू की चपेट में हैं। यह एचवन एनवन वायरस के कारण होता है। प्रोटेकाल के अनुसार सभी न्यायाधीशों के इलाज व्यवस्था की गई है। न्यायाधीशों के संपर्क में आने वाले उनके परिवार के सदस्यों सहित सभी का संक्रमण रोकने के लिए उपचार किया गया है।

न्यायाधीशों को निगरानी में रखा गया

बताया गया है कि इन पांच न्यायाधीशों को घर में अलग रखा गया है। जिनमें से तीन न्यायाधीशों ने अपना काम शुरू कर दिया है और दो घर में निगरानी में हैं और स्वस्थ हो रहे हैं। मंत्रालय ने बताया कि अदालत कक्षों और रिहायशी स्थानों की सफाई की गई है। सभी संबंधित लोगों में इससे बचाव के लिए जागरुकता लाई जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय बुधवार को बार काउंसिल कार्यालय में वकीलों और कर्मचारियों के बीच एचवन एनवन पर कार्यशाला भी आयोजित करेगा।

एचवन एनवन एक मौसमी संक्रमण है- मंत्रालय

मंत्रालय ने ने कहा है कि एचवन एनवन एक मौसमी संक्रमण है जो आमतौर पर जनवरी से मार्च और जुलाई से सितंबर के बीच होता है। मंत्रालय ने लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी है ताकि यह संक्रमण न फैले।


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