वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा- आम बजट इकोनॉमी को गति देने में मददगार साबित होगा
2020-21 में एलआइसी का आइपीओ और आइडीबीआइ बैंक में हिस्सेदारी बेचा जाना प्रस्तावित है। सरकार को इससे 90 हजार करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।
मुंबई, प्रेट्र। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट को बहुत सोच-समझकर और आजमाए गए उपायों द्वारा तैयार करने की बात कही है। कारोबारी जगत के प्रतिनिधियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अतीत की आर्थिक सुस्ती के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए बजटीय प्रावधान तैयार किए गए हैं। यह आम बजट इकोनॉमी को गति देने में मददगार साबित होगा। वित्त मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब इकोनॉमिक सुस्ती के दौर में तत्काल सुधार के प्रावधानों को शामिल नहीं करने को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
सीतारमण ने कहा- बजट में समय की मांग को जगह दी गई
सीतारमण ने कहा कि समय की मांग को ध्यान में रखते हुए मूलभूत व्यापक सुधारों को जगह दी गई है। इस दौरान खपत में वृद्धि पर नजर तो रखी ही गई है साथ ही लंबी अवधि के लक्ष्यों को भी ध्यान में रखा गया है। उन्होंने कहा कि खर्च के प्रावधान तय करते समय पूंजीगत संपत्ति के निर्माण को केंद्र में रखा गया है।
सीतारमण ने कहा- कृषि सेक्टर के उत्थान के लिए 16 सूत्रीय कार्यक्रम बने
सीतारमण ने बताया कि कृषि सेक्टर के उत्थान को ध्यान में रखते हुए 16 सूत्रीय कार्यक्रम तय किया गया है। स्र्टाट-अप्स को गति देने का हर संभव प्रयास और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश के उपाय किए गए हैं।
वित्त मंत्री ने कहा- सरकार ने बजट में टैक्सपेयर्स चार्टर पेश किया
वित्त मंत्री ने कहा है कि सरकार ने बजट में टैक्सपेयर्स चार्टर पेश किया है, जिसका मकसद देश में टैक्स व्यवस्था को आसान बनाना है। सीतारमण ने कहा कि कराधान व्यवस्था नागरिकों के साथ विश्वास पर आधारित होनी चाहिए इसीलिए टैक्सपेयर्स चार्टर लाया गया है। उन्होंने कहा कि टैक्सपेयर्स चार्टर के जरिये हम कराधान की पूरी प्रक्रिया को सरल और करदाता को दबाव मुक्त रखना चाहते हैं।
ढांचागत विकास में होगा विनिवेश से प्राप्त राशि का इस्तेमाल
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के विनिवेश को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए सरकार ने कहा है कि घाटे में चल रही कंपनियों में इस प्रक्रिया के माध्यम से पारदर्शिता लाने का प्रयास किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विनिवेश के जरिये प्राप्त होने वाली राशि का इस्तेमाल देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने में किया जाएगा। इससे उपभोक्ता मांग में वृद्धि तो होगी ही, साथ ही लंबी अवधि के लिए पूंजीगत संपत्ति का निर्माण भी होगा।
स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने से कंपनी की जवाबदेही बढ़ती है
कारोबारी जगत से बजट के पश्चात संवाद में वित्त मंत्री ने याद दिलाया कि किसी कंपनी के स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने से उसकी जवाबदेही में वृद्धि होती है। इससे कंपनी में पारदर्शिता भी बढ़ती है। गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2020-21 में एलआइसी का आइपीओ और आइडीबीआइ बैंक में हिस्सेदारी बेचा जाना प्रस्तावित है। सरकार को इससे 90 हजार करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।
घाटे में चल रही एयर इंडिया को बेचे जाने की तैयारी
घाटे में चल रही एयर इंडिया को बेचे जाने की तैयारी भी चल रही है। इसके अलावा भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का भी रणनीतिक विनिवेश भी प्रस्तावित है।