अफवाहों पर बोलीं वित्त मंत्री, विलय से ना कोई बैंक बंद होगा, ना ही किसी की नौकरी जाएगी
शुक्रवार को सरकार ने 10 सरकारी बैंकों को मिलाकर चार बड़े बैंक बनाने का एलान किया था।
चेन्नई, प्रेट्र। दो दिन पहले 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने के सरकार के एलान से पसरी आशंकाओं को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिरे से खारिज किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विलय के इस कदम से ना कोई बैंक बंद होगा, ना ही किसी की नौकरी जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा, 'यह पूरी तरह से गलत सूचना है। इन सभी बैंकों के यूनियनों को सुनिश्चित करना चाहती हूं कि शुक्रवार को कही गई मेरी बात पर ध्यान दें। बैंकों के विलय की बात करते हुए मैंने स्पष्ट रूप से कहा है कि कोई कर्मचारी हटाया नहीं जाएगा। एक भी नहीं।' शुक्रवार को सरकार ने 10 सरकारी बैंकों को मिलाकर चार बड़े बैंक बनाने का एलान किया था। इसके तहत पंजाब नेशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स व युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक व कॉरपोरेशन बैंक, केनरा बैंक व सिंडिकेट बैंक और इंडियन बैंक व इलाहाबाद बैंक का विलय होना है। अर्थव्यस्था को गति देने और भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में इसे बड़ा कदम माना जा रहा है। विलय के इस कदम के बाद देश में कुल 12 सरकारी बैंक रह जाएंगे।
फैल रही थीं अफवाहें
बैंकों के विलय की खबर आते ही अफवाहों का दौर शुरू हो गया था। घोषणा के साथ वित्त मंत्री के आश्वासन के बाद भी लोगों के बीच यह आशंका घर कर रही थी कि विलय से बड़े पैमाने पर बैंक कर्मियों की नौकरियां चली जाएंगी। आशंका के इन बादलों को छांटने के लिए ही वित्त मंत्री को दोबारा स्थिति स्पष्ट करने की जरूरत पड़ी।
बैंकों को किया जाएगा मजबूत
वित्त मंत्री का कहना है कि बैंकों को मजबूत करने के लिए सरकार उनमें और पूंजी डाल रही है। पूंजी मिलने से बैंक और बेहतर तरीके से काम कर सकेंगे। अपने कोर बिजनेस को और आगे ले जाने का उन्हें अवसर मिलेगा।
मंदी पर नहीं दिया सीधा जवाब
वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था में मंदी के सवाल को फिलहाल टाल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था के हर सेक्टर पर नजर रखे हुए है। जो भी सेक्टर अपनी परेशानी लेकर सरकार के सामने आता है, हम उनसे समाधान पर चर्चा करते हैं और उसके अनुरूप कदम उठाते हैं।
बदलाव से गुजर रहा ऑटो सेक्टर
वित्त मंत्री ने कहा कि ऑटो सेक्टर इस समय बदलाव की प्रक्रिया से गुजर रहा है। पहली अप्रैल, 2020 से बाजार में बीएस-6 के वाहन आ जाएंगे। यह सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि 31 मार्च, 2020 से ऑटो कंपनियां बीएस-4 का कोई वाहन नहीं बनाएंगी। इस बदलाव का असर फिलहाल सेक्टर के प्रदर्शन पर पड़ रहा है। मंत्री ने कहा कि ऑटोमोबाइल पर जीएसटी कटौती का फैसला जीएसटी काउंसिल करेगा।
सरकार उठा रही जरूरी कदम
रोजगार गंवाने वालों और रोजगार जाने की आशंका में जी रहे लोगों को लेकर वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, 'मैं यही कह सकती हूं कि सरकार उद्योग जगत की जरूरत के अनुरूप कदम उठा रही है।' उन्होंने कहा कि हर सेक्टर की अपनी अलग समस्या होती है। सरकार उन्हें समझते हुए कदम उठा रही है।