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तमिलनाडु हिंदी विवाद पर बोलीं निर्मला सीतारमण, जबरदस्ती नहीं थोप रही केंद्र सरकार

चेन्नई में पत्रकारों के सवालों पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार तमिलनाडु पर हिंदी थोपने का कोई प्रयास नहीं कर रही है बल्कि तमिल भाषा को बढ़ाने का प्रयास कर रही है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 20 Jul 2019 06:48 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jul 2019 06:48 PM (IST)
तमिलनाडु हिंदी विवाद पर बोलीं निर्मला सीतारमण, जबरदस्ती नहीं थोप रही केंद्र सरकार
तमिलनाडु हिंदी विवाद पर बोलीं निर्मला सीतारमण, जबरदस्ती नहीं थोप रही केंद्र सरकार

चेन्नई, प्रेट्र। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार तमिलनाडु पर हिंदी थोपने का कोई प्रयास नहीं कर रही है बल्कि सरकार तमिल भाषा को भी बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है।

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दरअसल, पिछले हफ्ते ग्रामीण इलाकों में पोस्टमैन और असिस्टेंट की भर्तियों के लिए डाक विभाग की परीक्षाएं सिर्फ अंग्रेजी और हिंदी में कराई गई थीं और तमिलनाडु में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक समेत राज्यस्तरीय राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे हैं।

इन राजनीतिक दलों का आरोप है कि यह तमिलनाडु पर हिंदी थोपने का तरीका है। इसी परिप्रेक्ष्य में सीतारमण ने पत्रकारों के सवालों पर उपरोक्त जवाब दिया। सीतारमण ने कहा कि सरकार से सवाल करते समय देखना चाहिए कि यह जानबूझकर किया गया है अथवा नहीं, लेकिन सीधे इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच जाना चाहिए कि यह कोई भाषा थोपने का प्रयास है। केंद्र सरकार हिंदी नहीं थोपती है।

उन्होंने कहा कि 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' योजना के तहत देश के उत्तरी राज्यों में तमिल भाषा को लोकप्रिय बनाने की कोशिश की जा रही है। संसद में यह मुद्दा उठने पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में आश्वासन दिया कि 10 मई, 2019 की अधिसूचना के मुताबिक अब परीक्षा सभी स्थानीय भाषाओं में भी कराई जाएगी।


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