वित्त मंत्री जेटली ने कहा- राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल कर लेगी मोदी सरकार
जेटली ने यह भरोसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में अर्थव्यवस्था की स्थिति का जायजा लेने के लिए शनिवार को बुलायी गयी शीर्ष स्तरीय बैठक के बाद जताया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। डालर के मुकाबले रुपये की गिरती कीमत और चालू खाते की बिगड़ती स्थिति के मद्देनजर अर्थव्यवस्था को लेकर उठ रही चिंताओं को सरकार ने दरकिनार किया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में देश की विकास दर अनुमान से अधिक रहेगी। सरकार कर राजस्व व गैर-कर राजस्व संग्रह बजटीय लक्ष्य के अनुरूप रहने की बदौलत वित्त वर्ष 2018-19 के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को भी हासिल कर लेगी।
प्रधानमंत्री ने लिया अर्थव्यवस्था की स्थिति का जायजा
जेटली ने यह भरोसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में अर्थव्यवस्था की स्थिति का जायजा लेने के लिए शनिवार को बुलायी गयी शीर्ष स्तरीय बैठक के बाद जताया। जेटली ने कहा कि पीएम की अध्यक्षता में हुई यह बैठक आंतरिक थी। पीएम ने वित्त मंत्रालय के विभिन्न मंत्रालयों का जायजा लिया। वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग, राजस्व विभाग, व्यय विभाग और विनिवेश विभाग यानी दीपम ने इस बैठक में विस्तृत प्रजेंटेशन दिए। इन प्रजेंटेशन के बाद पीएम ने अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन को लेकर संतोष प्रकट किया।
चालू वित्त वर्ष में विकास दर अनुमान से अधिक रहने की उम्मीद
जेटली ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में सरकार अब तक बजट की 44 प्रतिशत राशि खर्च कर चुकी है। बजट में आवंटित राशि में कोई कटौती नहीं की जाएगी और पूरी राशि खर्च की जाएगी। जेटली ने कहा कि आम बजट 2018-19 में विकास के संबंध में जो अनुमान लगाया गया था, विकास दर उससे अधिक रहेगी। वहीं महंगाई भी नियंत्रित है। सरकार को चालू खाते के लक्ष्य 3.3 प्रतिशत को भी हासिल कर लिया जाएगा।
जेटली ने कहा कि कालेधन के खिलाफ उठाए गए कदमों का असर दिखने लगा है। नोटबंदी और जीएसटी के बाद रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। इस साल प्रत्यक्ष कर संग्रह लक्ष्य से अधिक रहने की उम्मीद है। जीएसटी का क्रियान्वयन सुचारु हो रहा है और उपभोग में जिस तरह वृद्धि हो रही है उससे जीएसटी संग्रह में भी वृद्धि होगी। सरकार प्रत्यक्ष और परोक्ष कर संग्रह के लक्ष्य को हासिल कर लेगी। गैर-कर राजस्व के संबंध में भी सरकार विनिवेश के लक्ष्य को पिछले साल की तरह हासिल कर लेगी।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने रुपये को थामने और चालू खाते के घाटे को काबू रखने के लिए एक दिन पहले ही पांच सूत्रीय उपायों की घोषणा की है। इन उपायों में विदेशी वाणिज्यिक उधारी यानी ईसीबी के नियमों को उदार बनाने लेकर मसाला बॉन्ड्स को प्रोत्साहित करने के उपाय शामिल हैं।