आपदा प्रबंधन के लिए धनराशि जुटाने के विकल्पों पर वित्त आयोग करेगा मंथन
अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में आपदा प्रबंधन कोष बढ़ाने के उपायों पर विचार किया जाएगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सूखा और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ते खतरे के मद्देनजर 15वां वित्त आयोग आपदा राहत के लिए धनराशि जुटाने के विभिन्न विकल्पों पर विचार करने जा रहा है। आयोग इसके लिए सीएसआर के फंड के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के उपायों पर भी चर्चा करने जा रहा है।
दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला
एक अधिकारी ने कहा कि एनके सिंह की अध्यक्षता वाला 15वां वित्त आयोग सोमवार से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन करने जा रहा है जिसमें आपदा प्रबंधन के लिए धनराशि जुटाने के उपायों पर चर्चा होगी। आयोग ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब हाल के वर्षो में देश के कई जिलों बाढ़ और सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं से काफी नुकसान हुआ है।
इस साल केरल में बाढ़ के चलते हुए नुकसान के मद्देनजर पुनर्वास कार्यो के लिए धनराशि जुटाने को राज्य सरकार ने जीएसटी के तहत आपदा सैस लगाने की मांग भी की है। केरल की इस मांग पर जीएसटी काउंसिल की एक समिति विचार कर रही है।
अधिकारी ने कहा कि आयोग इसी परिप्रेक्ष्य में इस अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन करने जा रहा है। इसमें वित्त मंत्रालय सहित विभिन्न मंत्रालय के अधिकारी भी शिकरत करेंगे। इसमें आपदा प्रबंधन कोष बढ़ाने के उपायों पर विचार किया जाएगा। साथ ही इस बात पर भी चर्चा की जाएगी कि प्रधानमंत्री राहत कोष और मुख्यमंत्री राहत कोष के रूप में मौजूदा तंत्र पर्याप्त है या नहीं।
क्या कारपोरेट सोशल रिस्पोंसिबिलिटी यानी सीएसआर की राशि का इस्तेमाल आपदा कोष में राशि जुटाने के लिए किया जा सकता है। इस संबंध में अन्य देशों के अनुभवों पर भी विचार विमर्श किया जाएगा। इसके अलावा आपदा से निपटने की तैयारी और बचाव के लिए धनराशि जुटाने के उपायों पर भी मंथन किया जाएगा।