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कांग्रेस ने कहा, 2019 के लोकसभा चुनाव की लड़ाई फासीवाद बनाम लोकतंत्र के बीच होगी

कांग्रेस नेता ने कहा कि आज के समय में भाजपा के खिलाफ बोलना देशद्रोह हो जाता है तो सरकार से सवाल पूछने वाले को गद्दार करार दिया जाता है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 08:17 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 12:04 AM (IST)
कांग्रेस ने कहा, 2019 के लोकसभा चुनाव की लड़ाई फासीवाद बनाम लोकतंत्र के बीच होगी
कांग्रेस ने कहा, 2019 के लोकसभा चुनाव की लड़ाई फासीवाद बनाम लोकतंत्र के बीच होगी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने विमान में भाजपा सरकार को हटाने का नारा लगाने वाली लड़की को गिरफ्तार कर जेल भिजवाने को लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी पर संगीन प्रहार करार दिया है। पार्टी के अनुसार तमिलनाडु की इस घटना से साफ है कि देश में अघोषित आपातकाल लागू है। इसीलिए 2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा के फासीवाद बनाम प्रगतिशील लोकतंत्र के बीच है। साथ ही पार्टी ने यह भी कहा कि फासीवाद के खिलाफ इस लड़ाई में कांग्रेस विपक्ष की प्रगतिशील ताकतों के साथ मिलकर लोकतंत्र की मजबूती की आवाज बुलंद करेगी।

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कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने तमिलनाडु भाजपा की अध्यक्ष के कहने पर कनाड़ा से पढ़कर स्वदेश लौट रही युवती को जेल भिजवाना फासीवाद नहीं तो और क्या है। युवती ने चेन्नई से तुतिकोरन जा रहे विमान में तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष को देखकर भाजपा को फासीवादी बताते हुए सत्ता से हटाने का नारा लगाया। इतनी बात से ही खफा भाजपा अध्यक्ष ने पुलिस पर दबाव डाल युवती के खिलाफ कड़ी धाराएं लगवा 15 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भिजवा दिया। जबकि ऐसे मामले में अधिकतम मामूली धाराएं लगती हैं जिसमें तत्काल बेल हो जाता है।

मनीष तिवारी ने कहा कि अभी 2 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि आजकल अनुशासन को तानाशाही करार दिया जाता है। मगर इस घटना से साफ है कि अनुशासनवाद वास्तव में फासीवाद का दूसरा नाम है। तमिलनाडु की यह घटना साफ दर्शाती है कि देश में अघोषित आपातकाल है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि केवल बोलने-लिखने की आजादी पर ही प्रहार नहीं हो रहा बल्कि देश की स्वतंत्रता की बुनियादी आत्मा पर आघात हो रहा है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि तमिलनाडु में युवती की नारा लगाने पर गिरफ्तारी पहला वाकया नहीं है। अभी पांच वामपंथी बुद्धिजीवियों की गिरफ्तारी के तरीके इसका एक और उदाहरण है। बेशक कांग्रेस इन बुद्धिजीवियों की विचारधारा से सहमत नहीं है मगर अभिव्यक्ति के उनके नागरिक अधिकार की पक्षधर है।

तिवारी ने कहा कि 2014 में भाजपा सत्ता में आयी तो सबसे पहले पुणे फिल्म संस्थान में छात्रों की आजादी को कुचला गया। इसके बाद कलाकारों-रचनाकारों पर प्रहार किया गया और फासीवाद के मानसिक आतंक के विरोध में कई लोगों ने पुरस्कार लौटाए।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि रोहित वेमुला को आत्महत्या के लिए विवश करने के मामले से लेकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान को राष्ट्र विरोधी तत्वों का अड्डा बताने जैसे प्रसंग भाजपा शासन के फासीवादी चेहरे के उदाहरण हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि आज के समय में भाजपा के खिलाफ बोलना देशद्रोह हो जाता है तो सरकार से सवाल पूछने वाले को गद्दार करार दिया जाता है। शासन से कुछ पूछ दिया तो राजद्रोह का मुकदमा दर्ज हो जाता है। मनीष तिवारी ने कहा कि इस अघोषित आपातकाल को खत्म करने के लिए 2019 की चुनावी जंग केवल एक सरकार को बदलने का संग्राम नहीं होगा बल्कि भाजपा के फासीवाद बनाम लोकतंत्र के बीच सीधी लड़ाई होगी।


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