Fertilizer scam: अग्रसेन गहलोत बोले- इस मामले से मेरा कोई लेना-देना नहीं
गहलोत और कुछ अन्य उर्वरक निर्यात मे अनियमितताओं से जुड़े हैं। उन्होंने ईडी की कार्रवाई से राहत की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। राजस्थान उच्च न्यायालय ने ईडी को निर्देश दिया कि वह उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करें।
नई दिल्ली, एएनआइ। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत, जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उर्वरक के अवैध निर्यात के एक मामले में पूछताछ के लिए फिर से तलब किया था, वे सोमवार को जांच एजेंसी के सामने पेश हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। वह पिछले महीने भी दिल्ली में ईडी के सामने पेश हुए थे।
गहलोत और कुछ अन्य उर्वरक निर्यात मे अनियमितताओं से जुड़े हैं। उनसे पहले इस मामले में पूछताछ की गई थी, लेकिन उन्होंने ईडी की कार्रवाई से राहत की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। राजस्थान उच्च न्यायालय ने हाल ही में उन्हें जांच में एजेंसी के साथ सहयोग करने के लिए कहा और ईडी को निर्देश दिया कि वह उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करें।
एजेंसी ने पिछले साल जुलाई में राजस्थान में इस कारोबार के संबंध में छापा मारा था। यह छापेमारी राज्य में अशोक गहलोत और उनके तत्कालीन डिप्टी सचिन पायलट के बीच राजनीतिक लड़ाई के बीच हुई थी। गहलोत पुत्र अनुपम ने भी मामले में एजेंसी के समक्ष अपना पक्ष रखा था।
मामला म्यूरेट ऑफ पोटाश (MoP) के आयात और उपयोग से संबंधित हैं। यह इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) द्वारा आयात किया जाता है और किसानों को, कंपनियों के माध्यम से, रियायती दरों पर वितरित किया जाता है। आईपीएल पूरे देश में पोटाश के आयात-प्रबंधन, प्रचार और विपणन से संबंधित है और इसे किसानों को रियायती दरों पर प्रदान करता है।
अधिकारियों के अनुसार, 2007 और 2009 के बीच, अग्रसेन, जो एक अधिकृत आईपीएल डीलर थे, ने एमओपी को रियायती दरों पर खरीदा और किसानों को वितरित करने के बजाय, उन्होंने इसे कुछ कंपनियों को बेच दिया, जो बदले में इसे मलेशिया और सिंगापुर को निर्यात करते थे।