करतारपुर कॉरिडोर पर पाक की नियत साफ नहीं, सियासी दांव खेल रहा पड़ोसी देश
खालिस्तान समर्थक प्रपत्र बांटे जाने और उनके पोस्टर लगाने की कई घटना पहले भी आती रही हैं। यही वजह है कि भारत इस मुद्दे को लेकर सतर्क रहना चाहता है।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। करतारपुर कॉरिडोर को लेकर पाकिस्तान भले ही भारत से बात कर रहा हो लेकिन उसकी बदनीयती बार-बार सामने आ रही है। दो दिन पहले ही द्विपक्षीय वार्ता में पाकिस्तान सरकार ने भारत से जाने वाले श्रद्धालुओं से 20 डॉलर प्रति यात्री वसूलने का प्रस्ताव रखा था और अब उसने बेतुका आरोप लगाया है कि करतारपुर कॉरिडोर की वार्ता की आड़ में भारतीय खुफिया एजेंसियां सक्रिय हैं।
दरअसल, भारत ने जुलाई, 2019 में करतारपुर कॉरिडोर पर हुई वार्ता में एक डोजियर सौंपा था जिसमें खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियों का जिक्र किया गया था। भारत को उम्मीद थी कि पाकिस्तान डॉजियर पर गंभीरता से विचार करेगा और कॉरिडोर को भारत विरोधी गतिविधियों से मुक्त रखने के लिए कदम उठाएगा।
सूत्रों के मुताबिक पिछले मंगलवार को अटारी बॉर्डर पर हुई द्विपक्षीय वार्ता के दौरान पाकिस्तान पक्ष की तरफ से एक डोजियर दिया गया है जिसमें कही गई हर बात आधारहीन है। इसमें बताया गया है कि करतारपुर को लेकर हो रही बातचीत में भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के अधिकारी शामिल हैं और वे बातचीत को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।
सुरक्षा को लेकर पाक ने कोई जवाब नहीं दिया
हास्यास्पद बात यह कि भारत ने करतापुर कॉरिडोर की सुरक्षा को लेकर जो सवाल पूछे थे उनका कोई जवाब नहीं दिया गया है। भारत ने इस बात का ठोस आश्वासन मांगा था कि इस कॉरिडोर के जरिए किसी भी तरह की भारत विरोधी गतिविधियां नहीं होंगी। भारत ने यह भी जानना चाहा है कि पाकिस्तान अपने यहां के आतंकी संगठनों या अन्य आतंकियों से कॉरिडोर की यात्रियों को सुरक्षित रखने के लिए क्या कर रहा है। इसका जवाब भी नहीं दिया गया है।
खालिस्तान समर्थकों को भड़काने की आशंका
करतारपुर कॉरिडोर के जरिए खालिस्तान समर्थकों को भड़काने की आशंका भारत की एक बड़ी चिंता है। हाल के दिनों में जिस तरह से कश्मीर मुद्दे को लेकर दुनिया के कई देशों में पाकिस्तान सरकार ने खालिस्तान समर्थकों को भारत के खिलाफ उतारने की कोशिश की है उससे यह चिंता और बढ़ी है।
पाकिस्तान स्थिति दूसरे गुरुद्वारों में जो भारतीय सिख जाते हैं वह पहले भी इस बात की शिकायत करते रहे हैं कि वहां पाकिस्तानी अधिकारियों की तरफ से खालिस्तान समर्थक बातें की जाती हैं।
पाक प्रस्ताव को भारत ने नकारा
खालिस्तान समर्थक प्रपत्र बांटे जाने और उनके पोस्टर लगाने की कई घटना पहले भी आती रही हैं। यही वजह है कि भारत इस मुद्दे को लेकर सतर्क रहना चाहता है। सनद रहे कि 3 सितंबर, 2019 को हुई बातचीत में पाकिस्तान की तरफ से वहां जाने वाले हर यात्री से 20 डॉलर की राशि वसूलने का प्रस्ताव रखा गया था जिसे भारत ने खारिज कर दिया था। यह एक बड़ी वजह रही कि दोनो देशों के बीच करतारपुर कॉरिडोर पर कोई समझौता नहीं हो सका था। अगर पाकिस्तान का रवैया इसी तरह से रहा तो समझौते की राह में और अड़चनें आ सकती हैं।