Farmers Protest: किसान प्रतिनिधियों से बात होने पर ही हल संभव : कैलाश चौधरी
कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा समस्या का समाधान बातचीत से ही संभव है। कुछ राजनेता अपने एजेंडा के लिए किसानों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वाम दलों और कांग्रेस के लोग हैं जो समाधान की राह में बाधा पैदा कर रहे हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन का हल निकालने के लिए 29 दिसंबर को प्रस्तावित वार्ता से कोई नतीजा तभी संभव है, जब बातचीत किसानों के नजरिये से हो। राजनीतिक दृष्टिकोण से कोई नतीजा नहीं निकल सकता है। कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने शनिवार को यह बात कही।चौधरी ने कहा, 'समस्या का समाधान बातचीत से ही संभव है। कुछ राजनेता अपने एजेंडा के लिए किसानों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वाम दलों और कांग्रेस के लोग हैं जो समाधान की राह में बाधा पैदा कर रहे हैं।'
Problems can only be resolved by talking. I firmly believe talks scheduled on Dec 29 will resolve issues if they're conducted from farmers' perspective, not from perspective of politicians who're politicising the issue: Union MoS, Agriculture & Farmers' Welfare Kailash Chaudhary pic.twitter.com/zuSmWLJX0H
— ANI (@ANI) December 27, 2020
उल्लेखनीय है कि कई किसान संगठन महीने भर से नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। अब तक किसानों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता बेनतीजा रही है। अब 40 संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा ने फिर वार्ता का सरकार का प्रस्ताव स्वीकार करते हुए बातचीत के लिए 29 दिसंबर की तारीख तय की है।
गौरतलब है कि पंजाब की विभिन्न किसान यूनियनों ने तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली चलो का नारा दिया था। किसानों का जत्था 27 नवंबर की सुबह कुंडली बार्डर पर पहुंचा और पुलिस से संघर्ष पर जीटी रोड को जाम कर वहीं बैठ गया। शुरुआत में यहां केवल पंजाब के किसानों का जमावड़ा था, लेकिन बाद में हरियाणा, दिल्ली और आसपास के कुछ किसान नेता व संगठन भी इसमें शामिल हो गए। केंद्र सरकार से पांच दौर की वार्ता के बाद किसान कानून को रद करने के लिए अड़े हुए हैं। 29 दिसंबर को फिर से केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीचत वार्ता की संभावना है।