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प्रधानमंत्री मोदी का कर्नाटक दौरा: हिरासत में लिए गए किसान, धरना प्रदर्शन की थी योजना

प्रस्‍तावित धरना प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने एहतियातन यहां के किसानों को हिरासत में ले लिया है जो स्‍वामीनाथन रिपोर्ट के लागू न किए जाने से खफा हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 02 Jan 2020 02:33 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jan 2020 02:33 PM (IST)
प्रधानमंत्री मोदी का कर्नाटक दौरा: हिरासत में लिए गए किसान, धरना प्रदर्शन की थी योजना
प्रधानमंत्री मोदी का कर्नाटक दौरा: हिरासत में लिए गए किसान, धरना प्रदर्शन की थी योजना

बेंगलुरु, प्रेट्र। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु समेत तुमकुरु व शिवमोगा में गुरुवार को पुलिस ने किसानों को हिरासत में ले लिया है। यह कार्रवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय कर्नाटक दौरे को देखते हुए लिया गया है। दरअसल, यहां के किसान ‘स्‍वामीनाथन रिपोर्ट’ न लागू करने से खफा हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष धरना प्रदर्शन करना चाहते हैं। एहतियातन पुलिस ने इन्‍हें हिरासत में ले लिया है।

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पुलिस ने यह कार्रवाई तुमकुरु, बेंगलुरु व शिवमोगा के कुछ इलाकों में किया है। कर्नाटक के दो दिवसीय दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना में तुमकुरु का दौरा भी शामिल है। यहां वे दिवंगत सिद्दागंगा मठ शिवकुमार स्‍वामीजी को श्रद्धांजलि देने जाएंगे साथ ही वर्तमान सिद्दालिंग महास्‍वामीजी से भी मिलेंगे।

इसके बाद वे यहां सार्वजनिक सभा को संबोधित करेंगे जहां कृषि अवार्ड सम्‍मान भी देंगे। शाम में वे बेंगलुरू जाएंगे जहां DRDO फैसिलीटी में वे देश को पांच युवा वैज्ञानिक प्रयोगशाला समर्पित करेंगे।

प्रोफेसर स्वामीनाथन की अध्‍यक्षता में नवंबर 2004 में राष्‍ट्रीय किसान आयोग का गठन किया गया। अक्टूबर 2006 में आयोग ने एक रिपोर्ट पेश की जिसमें खेत व किसानों से जुड़े मामलों में सुधार के लिए कई सिफारिशें की गई।

स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें-

- राज्यों की सूची के बजाय समवर्ती सूची में खेती को लाया जाए।

- बीज और फसल की कीमत को लेकर भी दिया गया सुझाव।

- अच्‍छी गुणवत्‍ता वाले बीज कम कीमत पर उपलब्‍ध हो।

- सभी गांवों में किसानों को जागरुक बनाने के लिए विलेज नॉलेज सेंटर की स्थापना हो

- महिला किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की व्यवस्था की जाए

- अतिरिक्त व बेकार जमीन को भूमिहीनों में बांट दिया जाए।

- किसानों के लिए कृषि जोखिम फंड बनाने की भी थी सिफारिश

- खेती के लिए कर्ज की व्यवस्था करे सरकार

- किसानों के कर्ज की ब्याज दर 4 फीसद हो और कर्ज अदायगी में सक्षम न होने पर वसूली पर रोक लगे।  

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