राष्ट्रपति ने घपलों-घोटालों पर चिंता जताते हुए सीए समुदाय को दी गिरेबान में झांकने की नसीहत
आइसीएआइ के प्लैटिनम जुबिली समारोह में राष्ट्रपति ने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) को आमजनों के भरोसे का रक्षक बताया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सफेदपोशों द्वारा कंपनियों में आर्थिक अपराध और बैंकों में बढ़ते घपलों-घोटालों पर चिंता जताते हुए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सीए समुदाय को अपने गिरेबान में झांकने की नसीहत दी है। रविवार को सीए जगत की सर्वोच्च संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) के प्लैटिनम जुबिली समारोह में राष्ट्रपति ने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) को आमजनों के भरोसे का रक्षक बताया।
उन्होंने कहा कि जब भी सफेदपोशों द्वारा आर्थिक अपराध को अंजाम दिया जाता है, तो ऑडिटर्स को खुद से पूछना चाहिए कि बैलेंस शीट की ऑटिडिंग में उन्होंने पूरी जिम्मेदारी से अपना कर्तव्य निभाया है या नहीं। समारोह का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि इस तरह के आर्थिक अपराध निवेशकों का भरोसा झकझोर देते हैं और उनका दिल तोड़ देते हैं।
कोविंद ने कहा, 'पेशेवर के रूप में अपने क्लाइंट्स को टैक्स प्लानिंग पर सुझाव देना आपका कानूनी अधिकार है, लेकिन टैक्स की चतुराई से प्लानिंग करने, टैक्स को चकमा देने और कर चोरी के बीच एक महीन रेखा होती है और सीए उसी महीन रेखा का संरक्षक होता है।'
उन्होंने कहा कि इस प्राथमिकता को बरकरार रखना सभी करदाताओं, कराधान और वित्तीय पेशेवरों का न केवल कानूनी कर्तव्य है, बल्कि नैतिक जिम्मेदारी भी है। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स टैक्स सिस्टम और करदाता, दोनों के लिए समन्वयक की भूमिका अदा करते हैं। उन्होंने कहा कि टैक्स सिस्टम उतना ही जटिल होता है जितना उसे बनाने की कोशिश की जाती है।
तेज आर्थिक विकास के लिए देश तैयार
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की सफलता की एक झलक देते हुए रविवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि आजादी के बाद 70 वर्षो में 66 लाख कंपनियों ने पंजीकरण कराया। दूसरी तरफ जीएसटी लागू होने के महज सालभर के भीतर 48 लाख नई कंपनियों ने पंजीकरण कराया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेज वृद्धि के लिए तैयार है और देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) आंकड़ा वर्ष 2025 तक दोगुना होकर पांच लाख करोड़ डॉलर के पार पहुंच जाने की संभावना है।