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मोदी सरकार का स्पष्टीकरण, आधिकारिक नहीं हैं 10 फीसद विकास दर बताने वाले जीडीपी के आंकड़े

वित्त वर्ष 2006-07 में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 10.08 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की जो 1991 से सर्वाधिक है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 19 Aug 2018 08:40 PM (IST)Updated: Sun, 19 Aug 2018 08:40 PM (IST)
मोदी सरकार का स्पष्टीकरण, आधिकारिक नहीं हैं 10 फीसद विकास दर बताने वाले जीडीपी के आंकड़े
मोदी सरकार का स्पष्टीकरण, आधिकारिक नहीं हैं 10 फीसद विकास दर बताने वाले जीडीपी के आंकड़े

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार ने जीडीपी के उन आंकड़ों को गैर-आधिकारिक करार दिया है जिसमें पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के कार्यकाल में एक साल देश की विकास दर दस प्रतिशत से ऊपर रहने का अनुमान लगाया है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय का कहना है कि जीडीपी की बैक सीरिज (पिछले वर्षों) के इन आंकड़ों की गणना एक समिति ने की है और ये आधिकारिक अनुमान नहीं हैं। मंत्रालय बाद में आधिकारिक आंकड़े जारी करेगा।

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मंत्रालय की ओर यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आयी है जब राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) की 'रियल सेक्टर स्टेटिस्टिक्स' पर गठित समिति ने हाल में जारी अपनी रिपोर्ट में 'आधार वर्ष 2011-12' पर 1993-94 से 2013-14 तक जीडीपी के आंकड़ों की गणना कर यह निष्कर्ष निकाला है कि वित्त वर्ष 2006-07 में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 10.08 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की जो 1991 से सर्वाधिक है।

2006-07 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए सरकार थी, इसलिए जब से इस समिति की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है, कांग्रेस पार्टी सरकार पर हमलावर हो गयी है। यही वजह है कि सरकार ने विपक्षी पार्टी को जवाब देने के लिए पहले अपने अर्थशास्त्रियों को आगे किया और अब सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से बाकायदा बयान जारी कर समिति की रिपोर्ट में दिए गए जीडीपी के बैक सीरिज आंकड़ों को खारिज किया गया है।

एनएससी ने भी कहा है कि पिछले वर्षो के लिए जीडीपी के आंकड़ों की गणना की विधि निरंतर प्रक्रिया है और इसे अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। एनएससी ने ही अप्रैल 2017 में 'रियल सेक्टर स्टेटिस्टिक्स' यानी अर्थव्यवस्था के आंकड़ों के विषय पर सुदीप्तो मुंडले की अध्यक्षता में इस समिति का गठन किया था।

दरअसल सेंट्रल स्टेटिस्टीकल ऑफिस यानी सीएसओ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों की गणना करता है। सीएसओ ने तीन साल पहले जीडीपी के आंकड़े नए आधार वर्ष 2011-12 पर जारी करना शुरु किया है। जब से ये आंकड़े जारी हुए हैं तब से इनकी विश्वसनीयता को लेकर सवाल भी उठाए जाते रहे हैं। जब भी आधार वर्ष बदला जाता है तो पूर्ववर्ती वर्षो के लिए भी नए आधार वर्ष पर जीडीपी के आंकड़ों की गणना की जाती है। इसलिए काफी समय से इस बात का इंतजार था कि सीएसओ 2011-12 के आधार पर पूर्ववर्ती वर्षो के लिए भी जीडीपी के बैक सीरिज आंकड़े जारी करेगा। हालांकि सीएसओ ये आंकड़े देता उससे पहले ही इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में इसकी गणना प्रस्तुत कर दी है।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय का कहना है कि समिति ने अपनी रिपोर्ट में विभिन्न विधियों का इस्तेमाल कर आंकड़े तैयार करने में आने वाली चुनौतियों पर विचार किया है। समिति ने इस संबंध में तीन संभावित विधियां बतायी हैं जिनका इस्तेमाल जीडीपी की बैक सीरिज तैयार करने के लिए किया जा सकता है। इसलिए इस रिपोर्ट में दिए गए अनुमान आधिकारिक नहीं हैं। ये सिर्फ उपयुक्त विधि का चयन करने के लिए हैं।

मंत्रालय इस समिति की सिफारिशों पर विचार करेगा और उसके बाद बैक सीरिज के लिए कौन सी विधि का इस्तेमाल किया जाए, इसका निर्णय किया जाएगा।


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