EXCLUSIVE: राहुल की सदस्यता रद किए जाने से लेकर बंगला खाली कराने तक; अनुराग ठाकुर ने दिए कई सवालों के जवाब
केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग साफ तौर पर कह रहे हैं कि अपनी गलतियों के लिए राहुल गांधी दूसरे को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं। प्रस्तुत है विशेष संवाददाता नीलू रंजन के साथ अनुराग ठाकुर की बातचीत के अंश।
नई दिल्ली, जेएनएन। मोदी समाज के अपमान पर अदालत के फैसले और उसके बाद राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता निरस्त होने के बाद राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस जहां इसका ठीकरा सरकार के सिर पर फोड़ रही है और इसे अदाणी के मुद्दे से जोड़ने की कोशिश कर रही है, वहीं सत्तापक्ष पूरे विवाद के लिए राहुल गांधी के अहंकार को दोषी ठहरा रहा है।
केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग साफ तौर पर कह रहे हैं कि अपनी गलतियों के लिए राहुल गांधी दूसरे को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं। प्रस्तुत है विशेष संवाददाता नीलू रंजन के साथ अनुराग ठाकुर की बातचीत के अंश।
सवाल- अदालत के फैसले के तत्काल बाद राहुल गांधी को संसद के लिए अयोग्य घोषित करने की जल्दबाजी की क्या जरूरत थी? कांग्रेस इस पर सवाल उठा रही है।
जवाब- इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट का आदेश और जनप्रतिनिधि कानून में स्पष्ट प्रविधान है जिस क्षण किसी सांसद या विधायक को दो साल या उससे अधिक की सजा होती है, उसी क्षण वह अयोग्य हो जाएगा। इसमें सरकार की कोई भूमिका है ही नहीं।- लेकिन कांग्रेस पूरे मुद्दे को अदाणी से जोड़ रही है। उसका कहना है कि अदाणी का मुद्दा उठाने के कारण राहुल गांधी को अयोग्य घोषित किया गया।
सवाल- फिर तत्काल बंगला खाली करने की नोटिस देने की जरूरत क्या थी?
जवाब- अदाणी से इस मुद्दे का दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है। वे सात मामलों में जमानत पर हैं। आने वाले समय में यदि उनके खिलाफ नेशनल हेराल्ड या किसी अन्य मामले में सजा होती है, तो उसके लिए वे किसे दोषी ठहराएंगे। राहुल गांधी द्वारा पिछड़े समुदाय का किए गए अपमान से ध्यान से हटाने के लिए कांग्रेस अदाणी से इसे जोड़ रही है। रही बंगला खाली कराने की बात तो सांसद न रहने की स्थिति में वे बंगले के हकदार नहीं रह गए हैं। यदि उन्हें बंगला चाहिए तो उन्हें मार्केट रेट के किराये पर आवेदन करना पड़ेगा। उसकी अलग प्रक्रिया है।
सवाल- लेकिन कांग्रेस जैसी पुरानी पार्टी के बड़े नेता को इस तरह से अयोग्य करार दिये जाने का संदेश सही जाता है?
जवाब- अपनी गलतियों के लिए राहुल गांधी दूसरे को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं। इसके लिए उनका अहंकार जिम्मेदार है। अहंकार में उन्होंने पिछड़े समाज का अपमान किया, इसके लिए अदालत में माफी भी नहीं मांगी, फैसले के खिलाफ अपील तक नहीं की और अब अयोग्य घोषित किये जाने के बावजूद खुद को संसद और देश से बड़ा बताने की कोशिश कर रहे हैं।
राहुल गांधी खुद समझ नहीं पा रहे हैं कि इसके पीछे उनकी पार्टी में ही कौन खेल कर रहा है। पांच-छह बड़े वकील राज्यसभा में होने के बावजूद सजा को निलंबित कराने के लिए तत्काल अपील क्यों नहीं की गई। अपील दाखिल करने से उन्हें कौन रोक रहा है। कांग्रेस इसे बड़ा मुद्दा बना रही है और संसद से सड़क तक लड़ाई की घोषणा कर चुकी है।
सवाल- सड़क पर प्रदर्शन करने से राहुल गांधी सांसद पद के लिए योग्य हो जाएंगे क्या?
जवाब- वैसे सांसद के रूप में वे योग्य पहले भी नहीं थे। संसद में उपस्थिति, चर्चा में भाग लेने और सवाल पूछने में उनका प्रदर्शन औसत से काफी कम रहा है। क्या कांग्रेस राहुल गांधी के पिछड़ों के अपमान से सहमत है। जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, सुभाष चंद्र बोस तक वीर सावरकर के लिए सम्मान व्यक्त कर चुके हैं।
कांग्रेस को साफ करना चाहिए कि वह सावरकर पर नेहरू और इंदिरा के विचार से सहमत है या फिर राहुल गांधी के विचार से। इसी तरह से गांधी परिवार के त्याग को सबसे बड़ा बताना, देश की स्वतंत्रता के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले हजारों बलिदानियों के बलिदान का अपमान है।