विश्वविद्यालय आरक्षण रोस्टर में अब ईडब्लूएस को भी मिलेगी जगह
सरकार ने हाल ही में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 फीसद आरक्षण देने का कानून संविधान संशोधन के जरिए पारित कराया था।
अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। विश्वविद्यालय के आरक्षण रोस्टर में अब आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्लूएस) के कोटे को भी जगह मिलेगी। इसके तहत विश्वविद्यालय और कॉलेजों में होने वाली भर्तियों में इस वर्ग के लिए भी दस फीसद सीटें आरक्षित होगी। सरकार ने इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि इस महीने के भीतर ही इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। विश्वविद्यालयों के आरक्षण रोस्टर के फार्मूले में अभी सिर्फ एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग ही शामिल है।
सरकार ने हाल ही में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 फीसद आरक्षण देने का कानून संविधान संशोधन के जरिए पारित कराया था। कानून के पारित होने के साथ ही उसे शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में लागू कर दिया गया था। लेकिन विवि में होने वाली सीधी भर्ती के आरक्षण रोस्टर में अब तक इसे शामिल नहीं किया गया था। हाल ही में आरक्षण रोस्टर को लेकर लाए गए अध्यादेश के बाद इसको लेकर कवायद तेज हुई है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस संबंध में कार्मिक मंत्रालय से विश्वविद्यालयों की सीधी भर्ती को लेकर निर्धारित आरक्षण रोस्टर को दुरुस्त करते हुए उसमें ईडब्लूएस कोटे को भी शामिल करने के लिए कहा है। फिलहाल इसे लेकर दोनों मंत्रालयों के बीच तैयारी शुरू हो गई है। माना जा रही है कि इस महीने के अंत तक इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा।
हर दसवीं सीट पर मिलेगी ईडब्लूएस को नौकरी
विवि आरक्षण रोस्टर में ईडब्लूएस कोटे के शामिल होते ही विश्वविद्यालयों में होने वाली सीधी भर्ती में प्रत्येक दसवीं सीट पर आर्थिक रूप से कमजोर एक सवर्णो को नौकरी मिलेगी। जबकि ओबीसी वर्ग को प्रत्येक चौथी सीट, एससी वर्ग को प्रत्येक सातवीं सीट और एसटी वर्ग को प्रत्येक 14 वीं सीट पर नौकरी मिलेगी। सीटों का निर्धारण इस वर्ग को मिलने वाले आरक्षण के हिसाब के तय होगा। मौजूदा समय में ओबीसी को 27 फीसद, एससी को 15 फीसद, एसटी को 7.5 फीसद और ईडब्लूएस को 10 फीसद आरक्षण का प्रावधान है।
विवि में सृजित होंगे करीब 65 सौ नए पद भी
ईडब्लूएस कोटा लागू होने के बाद विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के लगभग 65 सौ नए पदों को भी सृजित करने पर सहमति बनी है। इनमें करीब पांच सौ पद आईआईटी जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों में भी होंगे। सरकार ने इन पदों को बढ़ाने का यह फैसला ईडब्लूएस कोटा के बाद संस्थानों में प्रवेश के लिए बढ़ाई गई सीटों के बाद लिया है।