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Budget-2019: महिलाओं के सशक्तीकरण और सुरक्षा मिशन पर मोदी सरकार का जोर

महिलाओं के सशक्तीकरण और सुरक्षा मिशन के बजट में 1330 करोड़ रुपये आवंटन का प्रस्ताव है

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 01 Feb 2019 09:25 PM (IST)Updated: Fri, 01 Feb 2019 11:55 PM (IST)
Budget-2019: महिलाओं के सशक्तीकरण और सुरक्षा मिशन पर मोदी सरकार का जोर
Budget-2019: महिलाओं के सशक्तीकरण और सुरक्षा मिशन पर मोदी सरकार का जोर

माला दीक्षित, नई दिल्ली। महिला सशक्तीकरण और महिला सुरक्षा के प्रति सजग मोदी सरकार ने इस अंतरिम बजट मे भी महिलाओं का ख्याल रखा है। महिलाओं के सशक्तीकरण और सुरक्षा मिशन के बजट में 1330 करोड़ रुपये आवंटन का प्रस्ताव है ताकि महिला की सुरक्षा में कोई कोताही न हो और सशक्त नारी कंधे से कंधा मिला कर देश की प्रगति में कदमताल कर सके।

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वैसे तो पांच साल के कार्यकाल में मोदी सरकार का खासा तवज्जो महिलाओं की ओर रहा। सरकार ने न सिर्फ चूल्हा फूंकती छह करोड़ महिलाओं को रसोई गैस कनेक्शन दिये बल्कि अगले एक साल में 2 करोड़ और देकर आठ करोड़ गैर कनेक्शन देने के तय लक्ष्य को पूरा करने की प्रतिबद्धता भी जताई है। साथ ही महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए चल रही योजनाओं का विस्तार और सुगम अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के बजट में 4856 करोड़ की बढ़ोत्तरी का भी अंतरिम बजट में प्रस्ताव किया गया है जो कि करीब 20 फीसद की बढ़ोत्तरी है।

सरकार का पांच साल का कार्यकाल पूरा होने वाला है। इस सरकार ने महिलाओं को अधिकार सम्पन्न, सुरक्षित और विकास की रफ्तार में शामिल करने के लिए बहुत सी योजनाएं चलाईं हैं। इस अंतरिम बजट में योजनाओं का सुचारु रुप से चलते रहना सुनिश्चित करने के लिए योजनाओं के बजट में इजाफा किया गया है। सरकार ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के बजट में पिछले साल की तुलना में 20 फीसद की बढ़ोत्तरी की है। 

महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने मंत्रालय का बजट बढ़ाने के लिए सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि बजट बढ़ने से कुपोषण और महिला एवं बच्चों के संरक्षण को लेकर चल रही योजनाओं को बल मिलेगा। सिर्फ महिलाएं ही नहीं सरकार ने बच्चों का भी खाल ख्याल रखा है और समेकित बाल विकास योजनाओं के बजट में करीब 4500 करोड़ की बढ़ोत्तरी की गई है।

प्रधानमंत्री मात्र वंदना योजना का बजट बढ़ा कर दोगुना किया गया है। पिछले वर्ष इस योजना का बजट 1200 करोड़ था जो कि इस अंतरिम बजट में बढ़ा कर 2500 करोड़ करने का प्रस्ताव है। कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए चल रही क्रैच योजना का बजट भी 30 करोड़ से बढ़ाकर 50 करोड़ और कामकाजी महिलाओं के लिए वर्किग वोमेन हास्टल योजना का बजट तीन गुना से ज्यादा 52 करोड़ से 165 करोड़ बढ़ाने का प्रस्ताव है। महिला शक्ति केन्द्र योजना के बजट को भी 115 करोड़ से बढ़ाकर 150 करोड़ करने का प्रस्ताव है।

मानव तस्करी से छुड़ाई गई महिलाओं के पुनर्वास के लिए चल रही उज्ज्वला योजना का बजट भी 20 करोड़ से 30 करोड़ करने और बेसहारा विधवाओं के होम का बजट 8 करोड़ से बढ़ा कर 15 करोड़ करने का प्रस्ताव किया गया है। महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण मिशन का बजट 1156 करोड़ से बढ़ा कर 1330 करोड़ करने का प्रस्ताव है।

वित्त मंत्री पियूष गोयल ने बजट भाषण के दौरान सरकार द्वारा महिलाओं के कल्याण और सशक्तीकरण के लिए चलाई जा रही योजनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत स्वरोजगार शुरू करने के लिए दिये जाने वाले ऋण का 70 फीसद लाभ महिलाओं को ही मिला है। उन्होंने मातृत्व अवकाश को बढ़ा कर 26 सप्ताह किये जाने और मातृ वंदना योजना के लाभों का भी जिक्र किया।


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