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राज्यसभा चुनावः जानिए- कैसे बदल जाएगा संसद का सीन, क्या है राज्यों का चुनावी गणित

कई राज्यों में उम्‍मीदवार निर्विरोध ही चुने जाते दिख रहे हैं लेकिन कई जगह पार्टियों में कड़ा मुकाबला भी होता दिख रहा है।

By Arti YadavEdited By: Published: Thu, 22 Mar 2018 11:29 AM (IST)Updated: Fri, 23 Mar 2018 07:27 AM (IST)
राज्यसभा चुनावः जानिए- कैसे बदल जाएगा संसद का सीन, क्या है राज्यों का चुनावी गणित
राज्यसभा चुनावः जानिए- कैसे बदल जाएगा संसद का सीन, क्या है राज्यों का चुनावी गणित

नई दिल्ली, (जेएनएन)। देश की सियासत के लिए 23 मार्च की तारीख बहुत अहम होने जा रही हैं, क्योंकि इसी दिन राज्यसभा की 58 सीटों के लिए चुनाव होंगे। भाजपा इसे राज्यसभा में अपना गणित दुरुस्त करने के मौके के तौर पर देख रही है, तो विपक्षी भी अपनी एक-एक सीट को जीतने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। 23 मार्च को  राज्यसभा के लिए सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक वोटिंग होगी और कल ही परिणाम भी घोषित कर दिए जाएंगे। यहां पर  हम बताएंगे राज्यसभा का पूरा गणित और जानेंगे कि देश की राजनीति पर इन चुनावों का कितना असर होगा -

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गौरतलब है कि 16 राज्यों से कुल 58 सीटों के लिए राज्यसभा सदस्य चुने जाने हैं, लेकिन 25 से ज्यादा उम्मीदवारों को पहले ही निर्विरोध चुना जा चुका है। इनमें बिहार से 6, महाराष्ट्र से 6, मध्यप्रदेश से 5, आंध्रप्रदेश, राजस्थान और ओडिशा से 3-3 तथा हरियाणा, उत्तराखंड से एक-एक सदस्य शामिल हैं।

राज्यसभा का मौजूदा गणित
राज्यसभा में कुल 245 सदस्य हैं। एनडीए के पास 77 सदस्य हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा भाजपा के 58 सदस्य हैं। अन्य दलों में जेडीयू के 7, शिरोमणि अकाली दल और शिवसेना के 3-3 सदस्य, पीडीपी के 2 और चार अन्य दलों के एक-एक सदस्य हैं, जो एनडीए के घटक दल हैं। राज्यसभा में विपक्ष व अन्य दलों के पास 168 सदस्यों का दम है। कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है, जिसके पास 54 सदस्य हैं।

चुनाव के बाद की संभावना 
सब कुछ उम्मीद के मुताबिक हुआ तो इन राज्यसभा चुनावों के बाद भाजपा सदस्यों की संख्या 58 से बढ़कर 68 और कांग्रेस सदस्यों की संख्या 54 से घटकर 48 हो सकती है।

भाजपा के कई केंद्रीय मंत्री चुनाव मैदान में

भाजपा ने 27 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है जिनमें से आठ केंद्रीय मंत्री रिटायर होने वाले हैं। इनमें वित्त मंत्री अरुण जेटली यूपी, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत एमपी, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर महाराष्ट्र, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद बिहार, कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला और रसायन राज्यमंत्री मनसुख भाई मंडाविया गुजरात के नाम शामिल हैं। इसी के साथ भाजपा संगठन के कई नेता राज्यसभा पहुंचेंगे।

इस चुनाव के बाद राज्यसभा में भाजपा के सदस्यों की संख्या में और इजाफा हो जाएगा। बता दें कि इस समय 21 राज्यों की सरकारों में भाजपा शामिल है, जिनमें 15 राज्यों में भाजपा के मुख्यमंत्री हैं। जिससे यह साफ तौर पर दिख रहा है कि राज्यसभा चुनावों में भाजपा को शानदार जीत मिलने वाली है। आइए, आपको बताते हैं कि किस राज्य में किस पार्टी के कितने उम्मीदवार हैं और किसके जीतने के आसार हैं?

उत्तर प्रदेश में 10 सीटों के लिए चुनाव

देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 10 सीटों के लिए चुनाव होना है। यहां भाजपा के 8 उम्मीदवारों का अरुण जेटली, अशोक बाजपेयी, कांता करदम, हरनाथ सिंह यादव, अनिल जैन, सकलदीप राजभर, विजय पाल सिंह तोमर और जीवीएल नरसिम्हा राव का राज्यसभा पहुंचना तय है। समाजवादी पार्टी की तरफ से जया बच्चन राज्यसभा की सांसद होंगी। बसपा की ओर से भीमराव अंबेडकर को उम्‍मीदवार बनाया गया है। यहां पर भाजपा के 9वें उम्मीदवार और बसपा उम्मीदवार के बीच  मुकाबला काफी दिलचस्प हो सकता है। 

राज्‍य में कुल 403 सीटें हैं, सपा के पास 47, बसपा के पास 19 और कांग्रेस के पास 7 सीटें हैं। एक राज्यसभा सदस्य चुने जाने के बाद सपा के पास 10 वोट बचते हैं। हाल ही में राज्य में बदले राजनीतिक समीकरणों के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि समाजवादी पार्टी अपने एलाइड पार्टनर बसपा का समर्थन करेगी और इस तरह भीमराव का जीतना तय माना जा रहा है। जबकि भाजपा के पास अपने उम्मीदवार को जिताने के बाद 28 वोट बचेंगे। अगर भाजपा को निर्दलीयों का समर्थन मिलता है और कुछ विधायक क्रॉस वोटिंग करें तो भाजपा नौवीं सीट भी जीत सकती है।

बिहार में 6 सीटों के लिए चुनाव

बिहार में छ: सीटों पर चुनाव होना हैं। यहां सभी सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध चुन जाएंगे। जिनमें भाजपा के रविशंकर प्रसाद, जेडीयू के दो उम्‍मीदवार वशिष्‍ठ नारायण सिंह और महेंद्र प्रसाद, राजद से मनोज झा व अश्‍फाक करीम और कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद सिंह शामिल हैं।

गुजरात में 4 सीटों के लिए चुनाव

गुजरात में 4 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होना है। यहां एक सांसद को चुनने के लिए 37 एमएलए की जरूरत होती है। इसी आधार पर भाजपा के पुरुषोत्तम रूपाला और मनसुख भाई मांडविया का राज्‍यसभा पहुंचना तय है तो कांग्रेस के अमी यागनिक और नरायण राठवा भी निर्विरोध राज्‍यसभा पहुंचेंगे।

महाराष्ट्र में 6 सीटों के लिए चुनाव

महाराष्ट्र में राज्यसभा की 6 सीटें खाली हैं जिन पर चुनाव होना है। इन सभी सीटों पर तय उम्मीदवार राज्यसभा जाएंगे है। जिनमें भाजपा से नारायण राणे, प्रकाश जावड़ेकर और वी मुरलीधरन, कांग्रेस से कुमार केतकर, एनसीपी से वंदना चव्‍हाण और शिवसेना के अनिल देसाई का नाम शामिल है।

कर्नाटक में हो सकता है मुकाबला

कर्नाटक में राज्यसभा की चार सीटों पर चुनाव होना है। यहां पार्टियों में कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। कांग्रेस ने अपने तीन उम्मीदवार हनुमतिया, नासिर हुसैन और जीसी चंद्रशेखर को टिकट दिया है तो वहीं भाजपा ने केवल एक उम्मीदवार राजीव चंद्रशेखर को मैदान में उतारा है। जेडीएस ने बीएम फारूक को टिकट दिया है।

छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस में मुकाबला

छत्तीसगढ़ में भाजपा के सरोज पांडे और कांग्रेस के लेखराम साहू आमने सामने हैं। छत्तीसगढ़ विधानसभा में 90 विधायक हैं। राज्‍यसभा उम्‍मीदवार को जीत के लिए 46 वोटों की जरूरत है। भाजपा के पास 49 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के पास 39 विधायक हैं। बसपा का एक विधायक और ए‍क निर्दलीय है। यहां भाजपा का जीतना वैसे तो तय माना जा रहा है लेकिन अगर क्रॉस वोटिंग हुई तो नतीजा कुछ और हो सकता है।

मध्य प्रदेश में 5 सीटों के लिए चुनाव

मध्य प्रदेश में 5 सीटों के लिए चुनाव होना है। यहां भाजपा के चार उम्मीदवार थावरचंद गहलोत, धर्मेंद्र प्रधान, अजय प्रताप सिंह और कैलाश सोनी और कांग्रेस के राजमणि पटेल का राज्यसभा जाना तय है।

पश्चिम बंगाल में 5 सीटों के लिए चुनाव

तृणमूल कांग्रेस ने 4 उम्‍मीदवारों नदीमुल हक, सुभाशीष चक्रवर्ती, अबिर विश्‍वास और शांतनु सेन को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने अभिषक मनु सिंघवी को टिकट दिया है। वहीं सीपीआईएम ने रबिन देव को उम्मीदवार बनाया है। यहां एक सांसद को चुनने के लिए 50 वोटों की आवश्यकता होगी। टीएमसी के पास 213 एमएलए हैं। इस आधार पर पार्टी के 4 उम्मीदवारों का राज्यसभा जाना तय हैं। कांग्रेस के पास 8 कम यानि कुल 42 विधायक हैं, इसलिए पार्टी को टीएमसी या फिर सीपीआइएम से गठबंधन करना होगा।

तेलंगाना में तीन सीटों पर चुनाव

तेलंगाना में तीन सीटों के लिए चुनाव होने हैं। टीआरएस ने जे संतोष कुमार, बी लिंगैया यादव और बी प्रकाश मुदिराज को मैदान में उतारा है। दूसरी तरफ कांग्रेस की ओर से बलराम नाइक मैदान में हैं। राज्‍य में एक सीट के लिए 30 वोटों की जरूरत है। यहां टीआरएस के 91 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के 12 विधायक हैं। इस तरह टीआरएस के तीनों उम्‍मीदवारों का राज्‍यसभा के लिए चुना जाना तय है।

आंध्र प्रदेश में 3 सीटों पर चुनाव

आंध्र प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होना है। तीनों ही सीटों पर उम्‍मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं। तेलुगूदेशम पार्टी के दो उम्‍मीदवार सीएम रमेश और के रविंद्र कुमार तथा वाईएसआर कांग्रेस के वी प्रभाकर रेड्डी राज्यसभा जाएंगे।

ओडिशा और राज्यस्थान में कोई मुकाबला नहीं

ओडिशा और राज्यस्थान में तीन-तीन सीटों के लिए चुनाव होने हैं और दोनों ही राज्यों में कोई मुकाबला नहीं है। जहां एक तरफ ओडिशा में बीजू जनता दल (बीजेडी) के प्रशांत नंदा, सौम्‍या रंजन पटनायक और अच्‍युत सामंत राज्‍यसभा पहुंच रहे हैं वहीं दूसरी तरफ भाजपा के तीनों उम्‍मीदवार भूपेंद्र यादव, डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और मदन लाल सैनी का चुना जाना तय है।

झारखंड में 2 सीट के लिए चुनाव

झारखंड में इन दो सीटों के लिए उठा-पटक हो सकती है। यहां भाजपा ने समीर उरांव और प्रदीप कुमार सोंथालिया को उम्‍मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस ने धीरज साहू को मैदान में उतारा है। यहां एक सीट के लिए 28 वोटों की जरूरत होगी और भाजपा के पास 43 वोट हैं और उसके सहयोगी आजसू के पास 4 वोट हैं। इस तरह उनके पास कुल 47 वोट हैं। अपने दोनों उम्मीदवारों को राज्यसभा भेजने के लिए भाजपा को 9 और वोटों की जरुरत होगी। झारखंड मुक्ति मोर्चा के 19 वोट, कांग्रेस के 7, जेवीएम(पी) के 2, बसपा, एमसीसी, और सीपीआई(एमएल) का एक-एक वोट है जबकि 3 निर्दलीय हैं। यहां एक सीट के लिए मुकाबल दिलचस्‍प हो सकता है।

हरियाणा, उत्तराखंड और हिमाचल में एक 1 सीट के लिए चुनाव

हरियाणा की एक मात्र सीट पर भाजपा के लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीपी वत्‍स का चुना जाना तय है।उत्तराखंड से भाजपा के अनिल बलूनी निर्विरोध राज्‍यसभा पहुंच गए हैं। हिमाचल प्रदेश से भाजपा के जेपी नड्डा बिना किसी विरोध के राज्‍यसभा पहुंच गए हैं। 


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