चुनाव परिणाम का इस सप्ताह बाजार पर रहेगा खास असर
राज्यों के चुनाव परिणाम, कच्चे तेल की कीमत, अमेरिका-चीन व्यापारिक तनाव और विदेशी बाजारों के रुझानों से इस सप्ताह शेयर बाजार को दिशा मिलेगी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। राज्यों के चुनाव परिणाम, कच्चे तेल की कीमत, अमेरिका-चीन व्यापारिक तनाव और विदेशी बाजारों के रुझानों से इस सप्ताह शेयर बाजार को दिशा मिलेगी। राजनीतिक घटनाक्रमों के कारण शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव दिख सकता है। जनमत सर्वेक्षण आने के बाद बाजार में चालबाजी को रोकने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और शेयर बाजार अपनी निगरानी बढ़ा सकते हैं।
राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनावों के परिणाम मंगलवार सुबह से आने शुरू हो जाएंगे। शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद जारी हुए जनमत सर्वेक्षण के मुताबिक मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर रहेगी और राजस्थान में विपक्षी पार्टी को जीत मिलेगी।
इक्विटी99 के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट राहुल शर्मा ने कहा कि अगले सप्ताह राज्यों में हुए चुनाव के परिणाम, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक आंकड़े और कच्चे तेल की कीमत की स्थिति को देखते हुए निवेशकों को सतर्कता बरतनी चाहिए। मंगलवार को आने वाले चुनाव परिणाम 2019 में होने वाले आम चुनाव के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
एपिक रिसर्च के सीईओ मुस्तफा नदीम ने कहा कि कच्चा तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक की बैठक के फैसले और हुआवे की ग्लोबल सीएफओ की गिरफ्तारी से निवेशकों में अनिश्चितता की भावना बढ़ गई है। इसके साथ ही राज्यों के चुनाव परिणाम की वजह से निकट अवधि में बाजार में अनिश्चितता देखी जा सकती है। कच्चे तेल की कीमत को बढ़ाने के लिए ओपेक की बैठक में उत्पादन कटौती का फैसला लिए जाने के बाद शुक्रवार को प्रमुख कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड में दो फीसद से अधिक तेजी दर्ज की गई थी।
चीन की टेलीकॉम कंपनी हुआवे की सीएफओ की गिरफ्तारी के बाद अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह गिरावट देखी गई थी। इस गिरफ्तारी से अमेरिका और चीन के बीच चल रही व्यापारिक वार्ता के पटरी से उतर जाने का खतरा पैदा हो गया है।
चीन ने चेतावनी दी है कि यदि मेंग वांझू को छोड़ा नहीं गया, तो इसके गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं। मेंग वांझू कंपनी के संस्थापक की बेटी है। इस प्रकरण से वैश्विक संस्थागत निवेशकों में जोखिम लेने की भावना पर बुरा असर पड़ सकता है और इसके कारण रुपया भी प्रभावित हो सकता है। पिछले सप्ताह के कारोबार में सेंसेक्स में 521.05 अंकों की गिरावट देखी गई थी और यह शुक्रवार को 35,673.25 पर बंद हुआ था।
छह ब्लूचिप कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 54,916 करोड़ घटा
नई दिल्ली। देश की सबसे मूल्यवान 10 कंपनियों में से छह का बाजार पूंजीकरण (एमकैप) पिछले सप्ताह 54,916.4 करोड़ रुपये घट गया। रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआइएल) सर्वाधिक नुकसान में रही। इसका एमकैप 22,153.28 करोड़ रुपये घटा।
आइटीसी का एमकैप 14,877.75 करोड़ रुपये, एचडीएफसी का 5,139.73 करोड़ रुपये, एसबीआइ का 7,987.51 करोड़ रुपये, एचडीएफसी बैंक का 3,080.47 करोड़ रुपये और आइसीआइसीआइ बैंक का 1,677.66 करोड़ रुपये घटा। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), इन्फोसिस, एचयूएल और कोटक महिंद्रा बैंक के एमकैप में बढ़ोतरी दर्ज की गई। एमकैप के मामले में टीसीएस 7,48,957.23 करोड़ रुपये के साथ पहले नंबर पर रही।
पांच सत्रों में एफपीआइ ने 383 करोड़ रुपये निकाले
नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) ने डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक पिछले पांच सत्रों में भारतीय शेयर बाजारों से 383 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की। आलोच्य अवधि में हालांकि उन्होंने डेट बाजार में 2,744 करोड़ रुपये लगा दिए।
एफपीआइ ने इस साल अब तक भारतीय पूंजी बाजार (शेयर और डेट बाजार) से 85,600 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है। इसमें 35,600 करोड़ रुपये से अधिक निकासी शेयर बाजार से और करीब 50,000 करोड़ रुपये की निकासी डेट बाजार से हुई है।