By-Election 2022: कई विवादित मुद्दों को चुनावी नतीजों ने किया ठंडा, आजमगढ़ और रामपुर में मिली भाजपा को जीत
अग्निपथ योजना को लेकर देशभर में अराजकता का माहौल बना जिस भाजपा सरकार के खिलाफ नारे लग रहे थे उसने तीन में दो लोकसभा सीटें जीत ली हैं और सात में से तीन विधानसभा सीटें। बता दें कि उपचुनाव 23 जून को हुए थे और नतीजे रविवार को आए।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । आजमगढ़ और रामपुर समेत तीन लोकसभा और सात विधानसभा चुनाव के नतीजों पर यूं तो संबंधित दलों की चुनावी रणनीति चर्चा में होगी। अहम पहलू यह है कि यह नतीजा तब आया है जब कुछ दिन पहले तक अग्निपथ योजना को लेकर राजनीति भी गर्म थी और ट्रेनों व बसों में आग लगाई जा रही थी। जिस भाजपा सरकार के खिलाफ नारे लग रहे थे उसने तीन में दो लोकसभा सीटें जीत ली हैं और सात में से तीन विधानसभा सीटें।
पिछले कुछ वर्षों में कई विवादित मुद्दों को चुनावी नतीजों ने ठंडा किया है। उपचुनाव 23 जून को हुए थे और नतीजे रविवार को आए। उससे पहले 14 जून को अग्रिपथ योजना की घोषणा हुई थी और उसके बाद देश के कई हिस्सों में छात्रों की पीछे खड़े होकर राजनीति गरमाई गई। इसे युवाओं का उबाल बताया गया। लेकिन नतीजों में इसकी झलक नहीं दिख रही है।
ध्यान रहे कि पिछले उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले नोटबंदी की घोषणा हुई थी जिसे विपक्षी दलों की तरफ से राजनीतिक रंग दिया गया था। लेकिन बड़ी जीत ने इस पर ठंडा पानी डाल दिया। 2019 चुनाव से पहले सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट ने विवाद का रूप ले लिया था। नतीजों ने विपक्ष की आवाज कम कर दी। उम्मीद की जा सकती है कि अब संभवत: अग्रिपथ पर भी स्थिति सामान्य होगी।
गौरतलब है कि अग्रिपथ की घोषणा से कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डेढ़ साल में दस लाख सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी। कई विभागों में तैयारी हो भी चुकी है। संभव है कि अग्निपथ विवाद की बजाय रोजगार की आशा ने हाल के उपचुनावों मे बढ़त दिला दी हो।