Election Commission Action: देश के 2100 से ज्यादा राजनीतिक दलों पर चुनाव आयोग ने कसा शिकंजा, वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में कार्रवाई
भारतीय निर्वाचन आयोग आरपी अधिनियम 1951 की धारा 29ए और 29सी का अनुपालन न करने के लिए 2100 से अधिक पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) के खिलाफ श्रेणीबद्ध कार्रवाई करेगा। निर्वाचन आयोग के ओर से जारी एक प्रेस विज्ञपति में इस कार्रवाई को लेकर जानकारी दी गई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनावी प्रक्रिया और व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए चुनाव आयोग ने देश के 21 सौ से ज्यादा रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के खिलाफ कड़े कदम उठाए है। इसमें सभी दलों पर वित्तीय अनियमितता सहित समय पर सालाना आडिट रिपोर्ट पेश न करने और चुनाव खर्च का ब्यौरा न देने जैसे गंभीर आरोप है। इनमें बड़ी संख्या में ऐसी पार्टियां भी है, जिन्होंने 2019 का चुनाव भी नहीं लड़ा है, बावजूद उन्होंने करोड़ों की टैक्स छूट हासिल की है। आयोग ने फिलहाल सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों से ऐसे राजनीतिक दलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए है।
चुनाव आयोग के मुताबिक मौजूदा समय में देश में 2796 रजिस्टर्ड गैर- मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल है। वर्ष 2001 के बाद में इनकी संख्या में तीन सौ फीसद का इजाफा हुआ है। वर्ष 2001 तक इनकी संख्या सिर्फ 694 थी। हालांकि आयोग ने राजनीतिक दलों के कामकाज में पारदर्शिता रखने के लिहाज से कुछ नियम भी बनाए है, इसके तहत सभी दलों को इससे जुड़ी जानकारी देना जरूरी होता है। जिसमें चुनावी चंदे की जानकारी भी शामिल होती है। इसके साथ ही चुनावी खर्च सहित पार्टी के आयकर पैन खाते और आडिट रिपोर्ट को भी पेश करना जरूरी होता है।
खासबात यह है कि आयोग के इन नियमों के बाद भी 2174 रजिस्टर्ड गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की ओर से किसी तरह की कोई जानकारी आयोग को नहीं दी गई है। जबकि आयोग ने इस संबंध में सभी दलों से जानकारी मांगी थी। यह स्थिति तब यह है कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में 199 दलों ने 445 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2019-20 में 219 दलों ने 608 करोड़ के टैक्स छूट का लाभ लिया है। इन सभी दलों ने ली गई टैक्स छूट की जानकारी भी आयोग को नहीं दी। चुनाव आयोग ने इन सभी राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई करने के दिए निर्देश में कहा है कि इन दलों ने ज्यादातर ऐसे दल है, जिन्होंने एक साथ कई अनियमितताएं की है। ऐसे में इसके आधार पर ही सभी दलों पर उसके अनुरूप ही कार्रवाई की जाए।
फिलहाल इन दलों पर जो मुख्य आरोप हैं, वह वित्तीय ब्यौरे को न देने, सालाना आडिट रिपोर्ट न पेश करने, चुनावी खर्च का ब्यौरा न देने, चंदे की जानकारी न देने आदि से ही जुड़ी हुई है। आयोग के मुताबिक ऐसे सभी दलों से फिलहाल वह दर्जा छीना जा सकता है, जिसमें अभी वह टैक्स का लाभ लेते है। साथ ही आयोग इस पर कुछ और बंदिशें भी लगा सकता है। जिसमें इनके सिंबल को जब्त करने सहित और दूसरे कदम शामिल है। हालांकि यह सभी पर तय आरोपों के आधार पर अलग-अलग निर्धारित होगा।
1731 दलों ने नहीं लड़ा था 2019 का आम चुनाव
आयोग ने मुताबिक 2019 के आम चुनावों के समय देश में कुल 2354 रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल थे। लेकिन इनमें से सिर्फ 623 दलों ने ही वर्ष 2019 का आम चुनाव लड़ा था। ऐसे में करीब 1731 ऐसे दल थे, जिन्होंने आम चुनाव में किसी भी सीट से चुनाव नहीं लड़ा था। इनमें से जो दल चुनाव में लड़े थे, उन्होंने चुनावी खर्च का ब्यौरा भी नहीं दिया। नियमों के मुताबिक चुनाव खत्म होने के 90 दिनों के भीतर सभी राजनीतिक दलों को चुनावी खर्च का ब्यौरा देना जरूरी है।