चुनाव आयोग ने आचार संहिता उल्लंघन की जानकारी देने से किया इन्कार
चुनाव आयोग से उसके इस निष्कर्ष के बारे में सूचना उपलब्ध कराने को कहा गया था जिसमें उसने प्रधानमंत्री कथित आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामलों में क्लीन चिट दी थी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य नेताओं द्वारा कथित आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन और उन्हें दी गई क्लीन चिट से संबंधित जानकारी साझा करने से इन्कार कर दिया है। आयोग ने कहा है कि इसके लिए अलग-अलग स्रोतों से जानकारी संकलित करनी होगी और इसमें उसके गलत तरीके से पेश किए जाने का खतरा हो सकता है।
सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों पर निर्णय में दो चुनाव आयुक्तों में से एक द्वारा असहमति में की गई फाइल नोटिंग की प्रति मुहैया कराने से भी मना कर दिया।
चुनाव आयोग ने अपने जवाब में कहा, 'यह सूचित किया जाता है कि आदर्श आचार संहिता की शिकायतें संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों में निपटी जाती हैं। आपकी ओर से मांगी गई सूचना संकलित रूप में उपलब्ध नहीं है और उसके संकलन में उसके गलत ढंग से पेश किए जाने का खतरा है। इस संबंध में आप आरटीआइ कानून, 2005 की धारा 7 (9) का उल्लेख कर सकते हैं।'
इस धारा में कहा गया है,'कोई सूचना सामान्य तौर पर उसी रूप में उपलब्ध कराई जाए जिसमें वह मांगी गई वरना यह अलग-अलग स्रोतों से एकत्रित करनी होगी और ऐसे में उसके गलत तरीके से पेश किए जाने का खतरा है।'
आयोग से उसके इस निष्कर्ष के बारे में सूचना उपलब्ध कराने को कहा गया था, जिसमें उसने प्रधानमंत्री कथित आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामलों में क्लीन चिट दी थी।
आयोग से प्रत्येक शिकायतों की जानकारियां, बैठकों के ब्योरों की प्रति देने के लिए भी कहा गया जिसमें शिकायतों पर अंतिम निर्णय लिए गए। साथ ही किसी भी चुनाव आयुक्त द्वारा असहमति पत्र की जानकारियां देने के लिए भी कहा गया।
दो चुनाव आयुक्तों में से एक ने अप्रैल में महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री के दो भाषणों के लिए उन्हें क्लीन चिट देने के 'पूर्ण चुनाव आयोग' के फैसले पर असंतोष जताया था। कांग्रेस ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए मोदी के खिलाफ कई शिकायतें दी थी जिस पर आयोग ने अपना फैसला लिया। सूत्रों के अनुसार, एक चुनाव आयुक्त ने प्रधानमंत्री के एक अप्रैल को वर्धा में दिए भाषण और नौ अप्रैल को लातूर में दिए भाषण पर उन्हें क्लीन चिट दिए जाने के आयोग के फैसले पर असहमति जताई थी।
बता दें कि वर्धा में मोदी ने अल्पसंख्यक बहुल वायनाड सीट से चुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला किया था। लातूर में उन्होंने बालाकोट हवाई हमलों और पुलवामा शहीदों का जिक्र करते हुए पहली बार मतदान करने जा रहे मतदाताओं से शहीदों के नाम पर मतदान करने की अपील की थी।
गौरतलब है कि ऐसे फैसले लेने वाले 'पूर्ण आयोग' में मुख्य चुनाव आयुक्त और साथी चुनाव आयुक्त होते हैं। सुनील अरोड़ा मुख्य चुनाव आयुक्त हैं जबकि सुशील चंद्रा और अशोक लवासा दो चुनाव आयुक्त हैं। यह दोनों निर्णय तब 2:1 के बहुमत से लिए गए थे।
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