तमिलनाडु भाजपा ने किया महाराष्ट्र की तरह राज्य में जल्द सत्ता परिवर्तन का दावा, प्रदेश अध्यक्ष ने गिनाईं समानताएं
तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कहा कि जल्द ही राज्य में एकनाथ शिंदे की तरह एक नेता उभरेगा। उन्होंने तमिलनाडु में जल्द ही महाराष्ट्र की तरह सत्ता परिवर्तन होने का दावा किया है। पढ़ें यह रिपोर्ट...
चेन्नई, पीटीआइ। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने तमिलनाडु में जल्द ही महाराष्ट्र की तरह सत्ता परिवर्तन होने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि इस राज्य में भी एक 'एकनाथ शिंदे' उभरेगा। अन्नामलाई ने महाराष्ट्र और तमिलनाडु की राजनीतिक परिस्थितियों की तुलना करते हुए कहा कि दिवंगत शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के सबसे बड़े बेटे बिंदुमाधव और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करणानिधि के बेटे एमके मुत्थु की फिल्मी पारी एक जैसी रही है।
दोनों फिल्मों में काम करना चाहते थे, लेकिन उनकी फिल्मों ने कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया। उन्होंने कहा कि इसी तरह ठाकरे के दूसरे बेटे जयदेव और करणानिधि के दूसरे बेटे एमके अलागिरि दोनों ही परिवार से दूर हैं। अन्नामलाई ने मंगलवार को एक रैली में कहा कि बाल ठाकरे के तीसरे बेटे उद्धव को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला और इसी तरह एमके स्टालिन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने। उद्धव के बेटे आदित्य की राजनीति में दिलचस्पी है और स्टालिन के बेटे उदयनिधि की भी।
उन्होंने कहा, 'दोनों अपनी--अपनी पार्टी की युवा शाखा के नेता हैं। तमिलनाडु में मंत्रिमंडल में फेरबदल होने वाला है। यहां भी एक एकनाथ शिंदे सामने आएगा।' अन्नामलाई ने कहा कि ढाई साल पहले महाराष्ट्र में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने सत्ता के लिए हाथ मिलाया था, जैसे द्रमुक ने यहां कांग्रेस और वाम दलों के साथ गठबंधन किया। उन्होंने कहा- महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कई भाजपा समर्थकों को प्रताड़ित किया था। फिर एकनाथ शिंदे आए।
वह सूरत गए। यही राजधर्म है। जब ऐसा होना होगा, तब होगा। यह महाराष्ट्र में हुआ और आप इसे तमिलनाडु में भी होते देखेंगे।' उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों में भाजपा तमिलनाडु में 25 सीटें जीतेगी जो राज्य के विधानसभा चुनावों में 150 विधायकों के बराबर हैं। ए. राजा की टिप्पणी की आलोचना की अन्नामलाई ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और द्रमुक नेता ए. राजा की अलग राष्ट्र की मांग संबंधी टिप्पणी की आलोचना भी की।
इस मांग को सबसे पहले द्रवि़ड़ आंदोलन के जनक टी. पेरियार ने उठाया था। अन्नामलाई ने कहा, 'उन्होंने कहा कि तमिलनाडु भारत से अलग होना चाहता है। ए. राजा का भाषषण विद्रोहात्मक है। उन्होंने जो कुछ कहा वह भारतीय संविधान के तहत अपराध है। नि:संदेह यह एक राष्ट्रविरोधी टिप्पणी है।'
द्रमुक ने खारिज किया बयान द्रमुक ने अन्नामलाई के बयान को खारिज करते हुए कहा कि पार्टी में विद्रोह की कोई आशंका नहीं है। द्रमुक के वरिष्ठ नेता आरएस भारती ने बुधवार को कहा, 'वह काफी दिनों से बेमतलब की बातें कर रहे हैं। जहां तक मेरी बात है, मैं उन्हें बिल्कुल गंभीरता से नहीं ले रहा हूं।' पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता और मौजूदा विधायक ने भी कहा, 'ऐसा होने की कोई गुंजाइश नहीं है।'
अन्नाद्रमुक में नेतृत्व विवाद संबंधी हाई कोर्ट के आदेश पर रोक
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मद्रास हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें उसने पार्टी के एकल नेतृत्व के मुद्दे पर अन्नाद्रमुक की आम और कार्यकारी परिषषद की बैठक में किसी अघोषिषत प्रस्ताव को पारित करने पर रोक लगा दी थी। जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस कृष्ण मुरारी की अवकाशकालीन पीठ ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी की याचिका पर अन्नाद्रमुक की आम परिषषद के सदस्य एम. षषणमुगम और पार्टी समन्वयक ओ. पन्नीरसेल्वम को नोटिस भी जारी किए, जिन पर दो हफ्ते में जवाब मांगा गया है।
शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि 11 जुलाई, 2022 को होने वाली अन्नाद्रमुक की आम परिषषद की बैठक कानून के अनुसार आगे ब़़ढ सकती है। पीठ ने कहा, 'वर्तमान में हम अंतरिम प्रकृति के किसी अन्य आदेश को पारित करना आवश्यक नहीं समझते।' शीषर्ष कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट ने आम परिषषद की बैठक के संदर्भ में स्थगन आदेश पारित करके अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन किया है।