Maharashtra Govt: खत्म हुआ सियासी असमंजस का दौर; शिंदे बने सीएम, फडणवीस ने संभाली डिप्टी सीएम की कमान, 2 जुलाई से दो दिवसीय सत्र बुलाया गया
एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को महाराष्ट्र के 20वें मुख्यमंत्री पद की तो दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री एवं अब तक महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभाते आ रहे देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली।
ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। महाराष्ट्र की सियासत में पिछले दस दिनों से चल रही गहमागहमी का पटाक्षेप अप्रत्याशित और नाटकीय तौर पर हुआ। मुख्यमंत्री पद के स्वाभाविक दावेदार माने जा रहे देवेंद्र फडणवीस की जगह शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने की घोषणा की गई। बाद में आलाकमान के निर्देश पर फडणवीस को उप मुख्यमंत्री पद से संतोष करना पड़ा। शपथ लेने के बाद शिंदे और फडणवीस विधानसभा सचिवालय पहुंचे और कैबिनेट की पहली बैठक की।
महाराष्ट्र में नई सरकार
- दो और तीन जुलाई को विधानसभा का विशेष सत्र
- इस दौरान बहुमत साबित कर सकती है शिंदे सरकार
दो जुलाई से विधानसभा का विशेष सत्र
बैठक में दो जुलाई से दो दिन के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया गया। पहले दिन विधानसभा स्पीकर का चुनाव होगा। उसके बाद सरकार बहुमत साबित करेगी।
- देवेंद्र फडणवीस के फैसले की नड्डा और अमित शाह ने की सराहना
- शपथग्रहण के बाद फडणवीस बोले, पार्टी का आदेश मेरे लिए सर्वोपरि
- शिंदे ने कहा, महाराष्ट्र के विकास के लिए हम भाजपा के साथ आए
पहले दिन से ही एक्टिव हुई सरकार
वहीं सूत्रों ने बताया कि डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जलयुक्त शिवर योजना को फिर से शुरू करने के लिए जल्द से जल्द प्रस्ताव लाया जाए। यही नहीं महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के महाधिवक्ता को यह भी निर्देश दिया है कि आरे में ही मेट्रो कार शेड का निर्माण होगा। इस संबंध में सरकार का पक्ष अदालत के सामने पेश करने को कहा गया है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई में राज्य की नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक की। pic.twitter.com/tJAdd9YF3g— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 30, 2022
किसी को कानोकान खबर नहीं थी कि बन चुकी है रणनीति
गुरुवार शाम तक किसी को कानोंकान खबर नहीं थी कि राज्य की राजनीति में ऐसा भी कुछ हो सकता है। फडणवीस ने शिंदे के साथ राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से मुलाकात के बाद प्रेस कांफ्रेंस की। इसमें उन्होंने घोषणा की कि एकनाथ शिंदे ही राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे। उनके साथ गए शिवसेना के 39 एवं कुछ निर्दलीय व कुछ छोटे दलों के विधायकों को भाजपा समर्थन देगी।
दो घंटे में ऐसे बदली तस्वीर
- शाम करीब पांच बजे देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कांफ्रेंस में एलान किया कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री होंगे और वह सरकार में शामिल नहीं होंगे...
- शाम सात बजे के करीब नई दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि फडणवीस ने बड़ा दिल दिखाते हुए शिंदे सरकार में शामिल होने का निर्णय किया है...
फडणवीस की भूमिका पर थोड़ी देर बना रहा सस्पेंस
फडणवीस ने यह भी कहा कि वह सरकार में शामिल नहीं होंगे। पहले सिर्फ शिंदे शपथ लेंगे, बाद में मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी, जिसमें भाजपा के भी मंत्री होंगे। इस घोषणा के कुछ देर बाद ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक राष्ट्रीय टीवी चैनल पर कहा कि फडणवीस शिंदे सरकार में उप मुख्यमंत्री के रूप में शामिल होंगे। वह भी शिंदे के साथ ही शपथ लेंगे।
फडणवीस बोले- पार्टी का आदेश सर्वोपरि
इसके बाद राजभवन में शपथग्रहण के मंच पर लगाई जा रही कुर्सियों की संख्या दो से बढ़ाकर तीन कर दी गई। राजभवन में बने नए दरबार हाल में शिंदे और फडणवीस का यह पहला शपथग्रहण समारोह संपन्न हुआ। शपथ लेने के बाद फडणवीस ने कहा भी कि उनके लिए पार्टी का आदेश सर्वोपरि है।
फडणवीस ने राजनीतिक पंडितों को किया हैरान
प्रेस कांफ्रेंस में फडणवीस ने शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा कर उन राजनीतिक धुरंधरों को भी अचरज में डाल दिया, जो यह मानकर बैठे थे कि मुख्यमंत्री वह खुद बनेंगे और एकनाथ शिंदे को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
शिवसेना की चुनौती को मुंहतोड़ जवाब
गुरुवार सुबह ही शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने एकनाथ शिंदे पर तंज कसते हुए कहा था कि हम पर टिप्पणियां की जा रही हैं। लेकिन मैंने तो एक शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाया था। अब तुम भी बालासाहब ठाकरे के एक शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाकर दिखाओ तो जानें।
सुप्रिया सुले ने भी उठाए थे सवाल
राकांपा सांसद एवं शरद पवार की पुत्री सुप्रिया सुले भी कह चुकी हैं कि मुख्यमंत्री बनने के लिए 145 विधायकों की जरूरत होती है। एकनाथ शिंदे के पास तो इतने विधायक हैं नहीं। वह सरकार कैसे बनाएंगे..?
जल्द होगा मंत्रिमंडल विस्तार
सूत्रों की मानें तो जल्द ही होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में अन्य मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जाएगी। जिसमें भाजपा के भी मंत्री शामिल होंगे। फडणवीस ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि वह शिंदे मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होंगे। बाहर से ही सरकार की मदद करते रहेंगे।
उद्धव बोले- उम्मीद है महाराष्ट्र में अच्छे काम होंगे
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस को बधाई दी। उन्होंने कहा- मैं महाराष्ट्र के नए सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को बधाई देता हूं। मैं आशा करता हूं कि आप दोनों के माध्यम से महाराष्ट्र में अच्छे काम होंगे...
पवार ने जताई यह उम्मीद
शरद पवार ने भी एकनाथ शिंदे से बात कर उन्हें बधाई दी। पवार ने बताया- मैंने उनसे कहा है कि एक राज्य का मुखिया पूरे राज्य का नेतृत्व करता है, न कि केवल एक पार्टी का। आप किसी पार्टी का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं लेकिन शपथ के बाद आप राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए, मुझे उम्मीद है कि वह सभी विभागों के मुद्दों को हल करने के लिए काम करेंगे।
तंज भी कसा
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने यह भी कहा कि मुझे नहीं लगता कि देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम के नंबर-2 का पद खुशी से स्वीकार किया है। यह उसके चेहरे पर देखा जा सकता है। चूंकि वह नागपुर से हैं और एक (आरएसएस) स्वयंसेवक के रूप में यह उनका लोकाचार है, इसलिए उन्होंने यह पद स्वीकार कर लिया है...
पीएम मोदी के फोन पर माने फडणवीस
फडणवीस की इस घोषणा के कुछ देर बाद ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक राष्ट्रीय टीवी चैनल पर आकर एक नई सूचना दी कि पार्टी ने फडणवीस को भी शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शामिल होने का निर्देश दिया है। वह भी शिंदे के साथ ही शपथ लेंगे। बताया जा रहा है कि फडणवीस को शिंदे के साथ उपमुख्यमंत्री बनने हेतु मनाने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें दो बार फोन किया।
नड्डा और शाह ने की फडणवीस की सराहना
इसके बाद जब फडणवीस राजी हुए तो राजभवन में शपथग्रहण के मंच पर लगाई जा रही कुर्सियों की संख्या दो से बढ़ाकर तीन कर दी गई। राजभवन में बने नए दरबार हाल में शिंदे और फडणवीस का यह पहला शपथग्रहण समारोह संपन्न हुआ। बड़ा दिल दिखाने के लिए नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने फडणवीस की सराहना की।
पीएम मोदी ने बधाई दी
'महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए देवेंद्र फडणवीस को बधाई। वह भाजपा के हर कार्यकर्ता के लिए प्रेरणा हैं। उनके अनुभव का लाभ महाराष्ट्र सरकार के लिए बहुत लाभदायी साबित होगा और राज्य के विकास को मजबूती देगा। - नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री
फडणवीस ने दिखाया बड़ा दिल : शाह
'भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के कहने पर बड़ा दिल दिखाते हुए देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के हित में सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया है। यह निर्णय महाराष्ट्र के प्रति उनकी निष्ठा और सेवा भाव का प्रतीक है। मैं उन्हें बधाई देता हूं।' - अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री
शपथ से पहले शिंदे ने ठाकरे-दिघे को याद किया
राजभवन में शाम साढ़े सात बजे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिंद और फडणवीस को क्रमश: मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी शिवसेना के संस्थापक बालासाहब ठाकरे एवं अपने राजनीतिक गुरु धर्मवीर आनंद दिघे के नाम पर ली। इस निर्णय के बाद नए 'चाणक्य' की पदवी से विभूषित किए जा रहे देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ये विचारों की लड़ाई थी।
हिंदुत्व के विचारों को भी आगे ले जाएगी
अब शिंदे सरकार न सिर्फ राज्य के रुक गए विकास को आगे बढ़ाएगी, बल्कि हिंदुत्व के विचारों को भी आगे ले जाएगी। शिवसेना प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिंदे और फडणवीस को सीएम और डिप्टी सीएम बनने पर बधाई दी। गोवा में शिंदे गुट के विधायकों ने नाच-गाकर खुशियां मनाईं।
शिंदे ने भाजपा नेताओं का जताया आभार
फडणवीस के इस निर्णय से अभिभूत शिंदे ने कहा कि उनके (फडणवीस) जैसा व्यक्ति मिलना मुश्किल है। राज्य में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। निर्दलियों का समर्थन लेकर उनके पास करीब 120 विधायक हैं। इसके बावजूद उन्होंने बालासाहब ठाकरे के एक शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाकर अपने बड़प्पन का परिचय दिया है। शिंदे ने खुद को यह अवसर दिए जाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं भाजपा अध्यक्ष नड्डा के प्रति भी आभार जताया।
शिवसेना-भाजपा ही स्वाभाविक गठबंधन था
शिंदे ने कहा कि शिवसेना-भाजपा गठबंधन ही स्वाभाविक गठबंधन था। 2019 में इस गठबंधन की सरकार न बन पाने से शिवसेना विधायकों के क्षेत्र में मुश्किलें खड़ी होने लगी थीं। स्थिति ऐसी हो गई थी कि यदि हम महाविकास आघाड़ी सरकार में बने रहते तो हमारा दुबारा चुनकर आना भी मुश्किल हो जाता।
भाजपा के भरोसे पर खरोंच नहीं आने दूंगा : शिंदे
शिंदे ने यह भी कहा कि भाजपा ने जो भरोसा उन पर जताया है, वह उस पर खरोंच भी नहीं आने देंगे। शिंदे ने अपने पूर्व नेता एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर इशारा करते हुए कहा कि जब 50 विधायक अलग भूमिका लेने पर मजबूर हुए हैं, तो उन्हें आत्मपरीक्षण करना चाहिए।