वित्त मंत्रालय में पत्रकारों के प्रवेश पर लगी पाबंदी का एडीटर्स गिल्ड ने जताया विरोध
मान्यताप्राप्त पत्रकारों को भी वित्त मंत्रालय के भीतर आने जाने से रोक दिया गया है। जब तक कोई अधिकारी उनसे मिलने का समय नहीं दे तब तक वे मंत्रालय के भीतर नहीं जा सकते।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एडीटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने वित्त मंत्रालय में पत्रकारों के प्रवेश पर लगी पाबंदी की कड़ी निंदा की है। गिल्ड ने कहा है कि उसे वित्त मंत्रालय के इस रुख से कोई आपत्ति नहीं है कि पत्रकारों को मंत्रालय के अंदर संयमित और जवाबदेही से काम करना चाहिए, लेकिन सभी पत्रकारों को एक तरह से वहां प्रवेश करने से रोकना भी गलत है।
वित्त मंत्रालय जाने वाले पत्रकार मंत्रालय की तरफ से फिलहाल दी जाने वाली सुविधा का उपभोग करने नहीं जाते है। वह वहां एक पत्रकार की हैसियत से सूचना एकत्रित करने के उद्देश्य से जाते हैं।
'यह कदम देश में पत्रकारिता को चुप कराने वाला कदम है जिससे मीडिया की स्वतंत्रता से जुड़े वैश्विक रैंकिंग मे भारत का स्थान और नीचे चला जाएगा।' खास तौर पर दूसरे मंत्रालय भी इसी तरह के कदम उठाने लगेंगे। गिल्ड के प्रेसिडेंट शेखर गुप्ता और महासचिव एके भट्टाचार्य की तरफ से जारी पत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आग्रह किया गया है कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करें।
दरअसल, यह पूरा प्रकरण दो दिन पहले उपजा है। आम तौर पर बजट पेश होने से 60 दिन पहले वित्त मंत्रालय में पत्रकारों का प्रवेश बंद कर दिया जाता है। यह पाबंदी बजट पेश होने के साथ ही खत्म हो जाती है, लेकिन इस बार वित्त मंत्रालय ने इसे खत्म करने के बजाये इसे जारी रखने का फैसला किया है।
प्रेस सूचना कार्यालय की तरफ से मान्यताप्राप्त पत्रकारों को भी वित्त मंत्रालय के भीतर आने जाने से रोक दिया गया है। जब तक कोई अधिकारी उनसे मिलने का समय नहीं दे तब तक वे मंत्रालय के भीतर नहीं जा सकते।