हाई कोर्ट से नहीं मिली कांग्रेस नेता शिवकुमार को गिरफ्तारी से राहत, जांच एजेंसियों को लेकर कही ये बात
शिवकुमार ने कहा कि मेरे मित्र सीएम येदियुरप्पा ने विधानसभा में कहा था कि वह बदले की राजनीति नहीं करेंगे लेकिन कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने इसका बीजारोपण कर दिया।
बेंगलुरु, आइएएनएस/प्रेट्र/एएनआइ। कर्नाटक हाई कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता व राज्य के पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार की मनी लांड्रिंग मामले से जुड़ी उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपनी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की थी। उधर, गुरुवार की रात प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से भेजे गए नए समन पर प्रतिक्रिया जताते हुए शिवकुमार ने प्रदेश के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा पर बदले की राजनीति करने का भी आरोप लगाया।
हाई कोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कहा, 'हम ईडी के समन को रद करने संबंधी आपकी अपील को गुरुवार को खारिज करते हुए उसके समक्ष उपस्थित होने का आदेश दे चुके हैं। उसमें बदलाव नहीं कर सकते।' ईडी ने दिसंबर 2018 में शिवकुमार को कथित तौर पर हवाला में संलिप्तता व प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (PMLA)-2002 के उल्लंघन के मामले में समन जारी किया था। इसे शिवकुमार ने चुनौती दी थी।
कथित तौर पर मनी लांड्रिंग का यह मामला अगस्त 2017 में तब प्रकाश में आया था, जब आयकर टीम ने दिल्ली में शिवकुमार के फ्लैट से 8.59 करोड़ रुपये की बेनामी राशि जब्त की थी। इसके बाद शिवकुमार व उनके चार सहयोगियों पर मुकदमा दर्ज किया गया था।
दिल्ली जाने से पहले यहां मीडिया को संबोधित करते हुए शिवकुमार ने कहा, 'मेरे मित्र सीएम येदियुरप्पा ने विधानसभा में कहा था कि वह बदले की राजनीति नहीं करेंगे, लेकिन कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने इसका बीजारोपण कर दिया।'
प्रेट्र के अनुसार, शिवकुमार ने संकेत दिया कि वर्ष 2017 में गुजरात की राज्यसभा सीटों के लिए हुए चुनाव के दौरान कांग्रेसी विधायकों की कर्नाटक में रुकने की व्यवस्था करने के कारण उन्हें निशाने पर लिया जा रहा है।
जांच एजेंसियों ने सोख लिया सारा खून : शिवकुमार
एएनआइ के अनुसार, कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने ट्वीट किया- 'हमने गुरुवार की रात करीब 9:40 बजे ईडी का नया समन प्राप्त किया। इसमें मुझे शुक्रवार को दोपहर एक बजे दिल्ली स्थित ईडी के कार्यालय में उपस्थित रहने को कहा गया है। ईडी की यह तात्कालिक कार्रवाई दुर्भावनापूर्ण है।' उन्होंने कहा, 'विभिन्न जांच एजेंसियों ने सारा खून सोख लिया है। पिछले दो वर्षो में बेनामी संपत्ति करार देते हुए जांच एजेंसियों ने मेरी 84 वर्षीय मां की समस्त संपत्तियां जब्त कर ली हैं।'
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