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एयरसेल-मैक्सिस सौदे पर चिदंबरम से छह घंटे पूछताछ

सीबीआइ ने मामले में जुलाई में दाखिल अपने आरोप पत्र में कहा है कि सौदे की गलत ढंग से स्वीकृति में राजनीतिक लोग शामिल थे।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Fri, 24 Aug 2018 10:10 PM (IST)Updated: Fri, 24 Aug 2018 10:10 PM (IST)
एयरसेल-मैक्सिस सौदे पर चिदंबरम से छह घंटे पूछताछ
एयरसेल-मैक्सिस सौदे पर चिदंबरम से छह घंटे पूछताछ

नई दिल्ली, प्रेट्र। एयरसेल-मैक्सिस सौदे के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को फिर से पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से पूछताछ की। निदेशालय में स्थित जांच अधिकारी के कमरे में यह पूछताछ छह घंटे तक चली। प्रिवेंशन ऑफ मनी लांडरिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत चिदंबरम की यह पूछताछ रिकॉर्ड भी की गई।

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इससे पहले मामले में फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआइपीबी) के अधिकारियों से भी पूछताछ हो चुकी है और उनके बयानों को भी रिकॉर्ड किया गया है। बताया गया है कि अधिकारियों के रिकॉर्डेड बयानों के आलोक में चिदंबरम से ताजा पूछताछ हुई। इसमें विदेशी निवेश के संबंध में हालात और प्रक्रिया पर खास तरह के सवाल चिदंबरम से किए गए।

चिदंबरम के वित्त मंत्री के कार्यकाल के दौरान ही एयरसेल-मैक्सिस सौदे को स्वीकृति मिली थी। एजेंसी को शक है कि यह स्वीकृति नियमों की अनदेखी करके दी गई जिसके लिए अप्रत्यक्ष तौर पर चिदंबरम जिम्मेदार थे। मामले में चिदंबरम के बेटे कार्ति से भी ईडी दो बार पूछताछ कर चुकी है। सीबीआइ ने मामले में जुलाई में दाखिल अपने आरोप पत्र में कहा है कि सौदे की गलत ढंग से स्वीकृति में राजनीतिक लोग शामिल थे।

इससे पहले ईडी ने चिदंबरम से इसी मामले में जून में पूछताछ की थी। पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि ताजा पूछताछ में पूछी गई सारी बातें पूर्व की पूछताछ के रिकॉर्ड में दर्ज हैं। बावजूद इसके बिना एफआइआर के उन्हें फिर से तलब किया गया। इस दौरान आधे से ज्यादा समय उन्हें अपना टाइप किया गया बयान पढ़ने, उसकी गलतियां ठीक कराने और सही कॉपी को पढ़कर उस पर दस्तखत करने में लगा। मामला इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड द्वारा 2006 में मैसर्स ग्लोबल कम्युनिकेशन होल्डिंग सर्विसेज लिमिटेड को एयरसेल में निवेश करने की अनुमति देने से संबंधित है। 3,500 करोड़ रुपये निवेश के इस प्रस्ताव को नियमानुसार आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी के समक्ष नहीं रखा गया था।


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