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चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड के प्रचार के सख्त किए मानक, जानें क्‍या हैं नए नियम

चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों की आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रचार के मानक सख्त कर दिए हैं। आयोग ने चुनाव के दौरान ऐसे विज्ञापनों के प्रकाशन के लिए समयसीमा तय कर दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 12 Sep 2020 06:02 AM (IST)Updated: Sat, 12 Sep 2020 06:02 AM (IST)
चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड के प्रचार के सख्त किए मानक, जानें क्‍या हैं नए नियम
चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड के प्रचार के सख्त किए मानक, जानें क्‍या हैं नए नियम

नई दिल्ली, पीटीआइ। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने शुक्रवार को प्रत्याशियों की आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रचार के मानक सख्त कर दिए। आयोग ने चुनाव के दौरान ऐसे विज्ञापनों के प्रकाशन और प्रसारण के लिए समयसीमा तय कर दी है। चुनाव आयोग ने अक्टूबर, 2018 में निर्देश जारी कर यह अनिवार्य कर दिया था कि चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी और उन्हें मैदान में उतराने वाली पार्टियां उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में चुनाव के दौरान तीन बार टीवी और समाचार पत्रों में विज्ञापन देंगे।

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आयोग ने साफ किया है कि आपराधिक रिकॉ‌र्ड्स का पहला प्रचार प्रत्याशी के नाम वापस लेने की अंतिम तिथि से चार दिन के भीतर करना होगा। दूसरा प्रचार नाम वापसी की अंतिम तिथि के पांचवे और आठवें दिन के भीतर करना होगा। तीसरा और अंतिम प्रचार नाम वापसी की अंतिम तिथि के नौवें दिन से प्रचार के अंतिम दिन (मतदान से दो दिन पहले) के बीच करना होगा। आयोग का कहना है कि इस समयसीमा से मतदाताओं को ज्यादा जानकारियों के साथ विकल्प चुनने में मदद मिलेगी।

अब निर्वाचन आयोग के इस दिशा-निर्देश के मुताबिक, आगामी बिहार विधानसभा चुनाव और आने वाले दिनों में 64 विधानसभा एवं एक लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनावों में किस्मत आजमा रहे प्रत्याशियों को अपने आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में विज्ञापन देते समय नई डेडलाइन का पालन करना होगा। बीते दिनों आयोग ने साफ कर दिया था कि लोकसभा की एक सीट और 15 राज्यों में विधानसभाओं की 64 सीटों पर लंबित उपचुनाव एवं बिहार विधानसभा चुनाव करीब करीब एक ही समय पर आयोजित होंगे।

आयोग का कहना है कि बिहार में 243 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को खत्‍म हो रहा है और चुनाव इस तारीख से पहले कराए जाने की जरूरत है। बिहार में वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है। माना जा रहा है कि अक्टूबर नवंबर में चुनाव कराए जा सकते हैं। हालांकि आयोग की ओर से इस बारे में कोई भी आधिकारिक तिथि की घोषणा नहीं की गई है। अन्य राज्यों में विधानसभाओं की 64 रिक्त सीटों पर भी उपचुनाव होने हैं। इनमें से मध्य प्रदेश में 27 सीटें हैं। इसके लिए कांग्रेस ने अपने 15 उम्‍मीदवारों के नाम भी घोषित कर दिए हैं।  


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