दस दिन और बढ़ेगी संसद सत्र की अवधि, विपक्षी दलों से मशविरे के बाद होगी औपचारिक घोषणा
संसद सत्र की अवधि बढ़ाने अथवा घटाने का फैसला लेना सरकार के अधिकार क्षेत्र का मामला है। संसद के दोनों सदनों में तीन दर्जन विधेयक लंबित हैं इसलिए चालू सत्र और बढ़ सकता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संसद के चालू सत्र को कम से कम दस कार्य दिवस और बढ़ाने का सरकार ने फैसला कर लिया है। संसद सत्र नौ अगस्त तक चल सकता है। सरकार ने अपने स्तर पर यह फैसला ले लिया है, लेकिन इसकी औपचारिक घोषणा विपक्षी दलों से मशविरे के बाद की जाएगी।
संसद के दोनों सदनों में अभी ट्रिपल तलाक, उपभोक्ता संरक्षण, आरटीआई, डाटा प्रोटेक्शन और मोटर बिल समेत तीन दर्जन विधेयक लंबित हैं। इनमें एक दर्जन से अधिक मामले लोकसभा और बाकी राज्यसभा में लटके पड़े हैं।
सरकार लंबित इन अहम विधेयकों को पारित कराने की तैयारी में है। वैसे भी संसद का चालू सत्र कामकाज की दृष्टि से बेहद खास रहा है। संसद के दोनों सदनों में कई बार कामकाज देर रात तक चले। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को संसदीय पार्टी की बैठक में अपने सांसदों को संसद सत्र के आगे बढ़ाये जाने की जानकारी देते हुए इसके लिए तैयारी करने को कहा।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने सुबह की बैठक में सरकार के विधायी कार्यो को पूरा कराने के लिए संसद सत्र को बढ़ाये जाने की बात कही। माना जा रहा है कि सत्र हर हाल में 10 दिनों के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है।
संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बैठक में हुए फैसले की जानकारी के बारे में बताया कि सत्र की अवधि बढ़ाने की संभावना है। जल्दी ही इसकी औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी।
उधर, विपक्षी दलों ने सरकार के इस फैसले को खारिज कर दिया है। कांग्रेस के लोकसभा में चीफ व्हिप के. सुरेश ने कहा कि उनकी पार्टी सत्र को विस्तार देने के खिलाफ है। हालांकि सत्र की अवधि बढ़ाने अथवा घटाने का फैसला लेना सरकार के अधिकार क्षेत्र का मामला है। चालू सत्र 17 जून से शुरु होकर 26 जुलाई तक के लिए चलना तय हुआ था।